तनाव मानसिक सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लेकिन नए शोध में हैरान करने वाला सच सामने आया है। स्ट्रेस मानसिक स्वास्थ्य के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
हेल्थ डेस्क. हम सभी ने सुना और पढ़ा है कि तनाव ( stress ) हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है और यह शरीर पर कहर बरपा सकता है। लेकिन, जॉर्जिया विश्वविद्यालय में युवा विकास संस्थान (Youth Development Institute at the University of Georgia)हालिया शोध के अनुसार, भले ही डेडलाइन वर्क आपको काम पर परेशान कर रही है, वास्तव में आपके दिमाग के लिए अच्छी हो सकती है। भले ही ऐसा लगता हो कि आपके सिर पर कोई हथौड़ा बरसा रहा हो।लेकिन छोटे-छोटे डेडलाइन स्ट्रेस आपके दिमाग के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
हालांकि इस शोध में यह भी कहा गया है कि अधिक तनाव मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकता है। न्यूरो साइंसन्यूज में प्रकाशित शोध के मुताबिक कम या उससे थोड़ा अधिक स्तर का तनाव मानसिक लचीलापन को बढ़ाता है। मानसिक विकारों की संभावना को कम करता है। जिसकी वजह से डिप्रेशन और एंटी सोशल बिहेवियर जैसी प्रॉबलम्स को कम करने में मदद करती है। इसके साथ ही कौशल विकास और पर्सनल डेवलमेंट में प्रभावशाली तरीके से सुधार लाता है।
शोधकर्ताओं का तनाव को लेकर क्या है कहना
इस शोध के प्रमुख लेखक और कॉलेज ऑफ फैमिली एंड कंज्यूमर साइंसेज में एसोसिएट प्रोफेसर असफ ओश्री (Assaf Oshri) का कहना है कि अगर आप ऐसे माहौल में हैं जहां आपके पास कुछ स्तर का तनाव है, तो आप मुकाबला तंत्र विकसित कर सकते हैं। जो आपको अधिक कुशल और प्रभावी काम करने की अनुमति देगा और खुद को इस तरह से व्यवस्थित करने में मदद करेगा। यही नहीं, यह आपके प्रदर्शन को बेहतर करने में भी काफी फायदा पहुंचाता है।
तनाव ऐसे काम करता है
जब आप किसी परीक्षा के लिए तैयारी करते हैं तो आप तनाव में होते हैं। हल्का तनाव होना आपके लिए फायदेमंद होता है। ये तनाव आपके परफॉर्मेंस को बढ़ाने में काफी काम आता है। उसी तरह, ऑफिस में किसी लंबी और ज़रूरी मीटिंग की तैयारियों को लेकर तनाव होना और पहले से किए जाने वाली तैयारी आपके पर्सनल ग्रोथ को बढ़ाने में मदद कर सकता है। एक अन्य उदाहरण ले तो जब किसी लेखक की किताब को प्रकाशक प्रकाशित करे से मना कर देता है तो लेखक निश्चित तौर पर तनाव झेलता है। लेकिन यह तनाव उसे अधिक मेहनत करने में मदद करता है। इसका असर उसकी अगली लेखनी में देखने को मिलती है।
तनाव उम्र और जेनेटिकल लेवल पर निर्भर करता है
प्रोफेसर असफ ओश्री कहते हैं कि यह ऐसा है जब आप कुछ कठिन काम करते रहते हैं और आपकी त्वचा पर थोड़ा रूखापन आ जाता है। आप अपनी त्वचा को उस दबाव के अनुकूल बनाने के लिए ट्रिगर करते हैं, जिस पर आप इसे लागू कर रहे हैं। लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा करते हैं, तो आप अपनी त्वचा को काटने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो तनाव हमें स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है। लेकिन लेकिन तनाव झेलने की क्षमता लोगों की उम्र, परिस्थित, परिवेश और जेनेटिकल लेवल पर निर्भर करता है। तनाव अगर ज्यादा दिनों तक रहता है तो यह हमारे मानसिक और शारीरिक सेहत को सीधे नुकसान पहुंचा सकता है।
अधिक तनाव खतरनाक
एक निश्चित बिंदु पर तनाव विषाक्त यानी जहर हो जाता है। गंभीर गरीबी में रहने या दुर्व्यवहार से आने वाले तनाव की तरह, पुराने तनाव के बहुत खराब स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक परिणाम हो सकते हैं। यह आपकी इम्यून सिस्टम से लेकर इमोशन रेगुलेशन तक, ब्रेन फंक्शन तक सब कुछ प्रभावित करता है। सभी तनाव अच्छा तनाव नहीं होते हैं।
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