प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा शुगर के इस्तेमाल से कुपोषण के साथ-साथ मोटापा बढ़ने का खतरा भी ज्यादा होता है। हेल्थ की महत्वपूर्ण रिसर्च मैगजीन 'लैंसेट' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
हेल्थ डेस्क। प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा शुगर के इस्तेमाल से कुपोषण के साथ-साथ मोटापा बढ़ने का खतरा भी ज्यादा होता है। हेल्थ की महत्वपूर्ण रिसर्च मैगजीन 'लैंसेट' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इस नई स्टडी में कहा गया है कि दुनिया भर में लोग प्रोसेस्ड फूड का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। खासकर, बच्चे ज्यादा ही ऐसी चीजों को पसंद करते हैं। इससे कुपोषण और मोटापे की समस्या बढ़ती जा रही है, जिससे कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोसेस्ड फूड से लोगों का वजन तो बढ़ रहा है, पर उन्हें पर्याप्त पोषण नहीं मिल पा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हर स्तर के लोगों की निर्भरता प्रोसेस्ड फूड पर बढ़ी है। प्रोसेस्ड फूड का सबसे ज्यादा बुरा असर उन महिलाओं पर पड़ रहा है जो मां हैं। उनके बच्चों को तो इसका नुकसान हो ही रहा है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर फ्रान्सेस्को ब्रान्का ने एक कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि प्रोसेस्ड फूड की क्वालिटी बहुत ही खराब होती है। इसमें विटामिन और मिनरल्स नहीं होते। वहीं फैट, शुगर और साल्ट की मात्रा ज्यादा होती है, जिनसे स्वास्थ्य को काफी नुकसान होता है। इस फूड में मिनरल्स और विटामिनों की कमी के कारण मोटापा बढ़ता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज होने की आशंका ज्यादा रहती है। ज्यादा मोटापा और पर्याप्त पोषण की कमी से स्ट्रोक, प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याएं और यहां तक कि कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
रिपोर्ट में इस समस्या का समाधान कैसे हो सके, इसे लेकर बातें कही गई हैं। रिपोर्ट में इसे एक वैश्विक समस्या बताया गया है और कहा गया है कि अच्छे पोषण वाले आहार के बारे में जागरूकता बढ़ाए जाने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा फल, हरी सब्जियां, नट्स और बीन खाना चाहिए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मांसाहार कम ही करना चाहिए। फलों और ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों के सेवन से दिल की बीमारियां होने की संभावना कम रहती हैं और मानसिक स्वास्थ्य भी बढ़िया रहता है। इससे एलर्जी और हार्मोनल समस्या, कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कई दूसरी बीमारियां होने का खतरा भी कम जाता है। रिपोर्ट में डेयरी प्रोडक्ट्स के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाली कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में भी बताया गया है।