इस साल 31 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ छठ के महापर्व की शुरुआत हो रही है। यह व्रत बिहार के लोग बड़ी संख्या में मनाते हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस व्रत में सूर्य की आराधना की जाती है। इसमें व्रत करने वाले 48 घंटे से भी ज्यादा कुछ भी नहीं खाते-पीते। ऐसे में, पहले से उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है।
हेल्थ डेस्क। इस साल 31 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ छठ के महापर्व की शुरुआत हो रही है। यह व्रत बिहार के लोग बड़ी संख्या में मनाते हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस व्रत में सूर्य की आराधना की जाती है। इसमें व्रत करने वाले 48 घंटे से भी ज्यादा कुछ भी नहीं खाते-पीते। ऐसे में पहले से उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। इस त्योहार में सूर्य को दो बार अर्घ्य दिया जाता है। एक अस्तचलगामी सूर्य को, दूसरा सूर्योदय के समय। यह अर्घ्य किसी नदी, तालाब, पोखर आदि में दिया जाता है। ग्रामीण इलाकों में नदियां स्वच्छ होती हैं, पोखर और तालाब भी इस खास अवसर पर साफ कर दिए जाते हैं, लेकिन महानगरों में ऐसा नहीं होता। वहां नदियों और नहरों में बहुत गंदगी और प्रदूषण होता है। कई बड़े शहरों में गंगा का पानी इतना प्रदूषित पाया गया है कि उसके संपर्क में आने पर कई तरह की स्किन डिजीज होने का खतरा हो सकता है। साथ ही, इस मौसम में डेंगू और वायरल फीवर का प्रकोप भी होता है। इसलिए छठ व्रतियों को कुछ खास सावधानी इस मौके पर बरतनी चाहिए।
1. पहले से हेल्दी डाइट लें
छठ व्रत के दौरान व्रती को कम से कम 48 घंटे तक उपवास करना पड़ता है। इतने लंबे समय तक उपवास करना आसान नहीं है। इसका स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ सकता है। इसलिए व्रतधारियों को पहले ही ऐसी चीजें खानी चाहिए कि उनके शरीर में ऊर्जा बनी रहे। उन्हें पर्याप्त मात्रा में फल, दूध और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए। ऐसा भोजन करना चाहिए जिसमें प्रोटीन ज्यादा हो। इससे लंबे उपवास के दौरान उन्हें ताकत मिलेगी।
2. मच्छरों से करें बचाव
छठ व्रतधारी नहाय-खाय के दिन से ही पलंग या खाट पर नहीं सोते हैं। वे जमीन पर ही चादर बिछा कर सोते हैं। ऐसे में, उन्हें मच्छरों और दूसरे कीट-पतंगों से बचाव का पूरा ख्याल रखना चाहिए। मच्छरों के काटने से डेंगू या वायरल बुखार हो सकता है।
3. गंदे पानी में जाने से बचें
अगर आप महानगर में रहते हैं और वहां नदी या नहर का पानी गंदा और प्रदूषित है, जहां आपको अर्घ्य देने जाना है, तो उसमें जाने से बचें। गंदे पानी में स्नान करने और ज्यादा समय तक रहने से कई तरह की बीमारियों का संक्रमण हो सकता है। बेहतर हो, आप किसी बड़े टब का इंतजाम करें और घर की छत पर ही सूर्य भगवान को अर्घ्य दे दें।
4. फल खरीदने में सावधानी बरतें
छठ के अवसर पर कई तरह के फल सूर्य भगवान को अर्पित किए जाते हैं। फलों की भारी मांग को देखते हुए बाजार में बासी और सड़े-गले फलों की भरमार हो जाती है। दुकानदार कई फलों पर पॉलिश कर उन्हें चमका कर रखते हैं, इसलिए खरीददार धोखा खा जाते हैं। इन फलों को खाने से नुकसान हो सकता है। इसलिए फल खरीदते समय खास ख्याल रखें।
5. बच्चों और बुजुर्गों का रखें ध्यान
छठ के दौरान मौसम कभी गर्म तो कभी ठंडा हो जाता है। सुबह का अर्घ्य देने के लिए छठ व्रती बहुत ही जल्दी घाट पर जाते हैं। इस दौरान बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। ध्यान रहे कि वे पूरे कपड़े पहने रहें, ताकि ठंड न लग सके। साथ ही, बच्चों को पानी में उतरने नहीं दें। उन्हें आतिशबाजी करने से भी रोकें।