क्यों निकलती है तोंद ? सामने आई शॉकिंग वजह, इस देश में मोटापा बना राष्ट्रीय समस्या

भारत में भी रेडीमेड फूड (readymade food) की आदत ने युवाओं के स्वास्थ्य पर बुरा  असर डाला है। वही दुनियाभर के युवाओं में मोटापे की वजह ज्यादातर आधुनिक लाइफस्टाइल अपनाना है। युवा स्ट्रीट फूड खाने को आदत में शुमार कर रहे हैं, इससे स्थिति बिगड़ रही है।

Rupesh Sahu | Published : Apr 14, 2022 8:45 AM IST / Updated: Apr 14 2022, 02:29 PM IST

हेल्थ डेस्क । भारत सहित दुनिया की अधिकतर आबादी मोटापा की समस्या का सामना कर रही है। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन और वर्क फ्रॉम होम ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। मलेशिया में एक रिसर्च में चौंकाने वाले रिजल्ट दिए हैं।  मलेशियाई युवाओ की आधे से अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है, स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि मामला रेल लाइन को क्रॉस कर गया है। 

आधुनिक लाइफस्टाइल ने बिगाड़े हालात
भारत में भी रेडीमेड फूड की आदत ने युवाओं के स्वास्थ्य पर बुरा  असर डाला है। वही दुनियाभर के युवाओं में मोटापे की वजह ज्यादातर आधुनिक लाइफस्टाइल अफनाना है। युवा स्ट्रीट फूड खाने को आदत में शुमार कर रहे हैं, इससे स्थिति बिगड़ रही है।  युवाओं का स्वास्थ्य फास्ट फूड, शुगर बेस्ड फूड और सुपरसाइज्ड भोज्य पदार्थों  से दूषित होता है। 

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आधे से ज्यादा आबादी मोटापा से परेशान 
 हाल ही में "मलेशिया में किशोरों के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) बेस्ड  मोटापा और अधिक वजन निगरानी शाखा बेल्ट" (Overweight Monitoring Arm Belt) टाइटल से एक कार्यक्रम स्पांसर किया गया था। इसमें ”डॉ सैम टूंग (Dr Sam Toong ) ने एक रिसर्च प्रोजेक्ट में कहा कि मलेशियाई वयस्कों में से 50.1%, 30.4% अधिक वजन वाले थे और 19.7% मोटे थे, जैसा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य और  National Health and Morbidity Survey (NHMS) 2019 द्वारा लिस्टेड किया गया था। "मोटापे की दर भी हर साल बढ़ रही है, NHMS स्टडी के मुताबिक 2006 में 14% से 2011 में 15.1% और 2015 में 17.7% दर्ज की गई ये स्थिति लगातार  खतरनाक स्तर तक बढ़ रही है। मलेशिया में अधिक वजन होने की परिभाषा में 25 किग्रा / मी 2 और 29.9 किग्रा / एम 2 के बीच बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) होना है, जबकि मोटापे के लिए, बीएमआई 30 किग्रा / मी 2 और उससे अधिक है। 



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शुगर  का इस्तेमाल बढ़ा
मलेशिया के  इंटी इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ बिजनेस एंड कम्युनिकेशंस के एक सहयोगी प्रोफेसर ने कहा कि, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया कि मलेशियाई युवाओं में चीनी का औसत दैनिक सेवन 2012 में सात चम्मच से बढ़कर 2017 में दस चम्मच हो गया। ये तय मात्रा से बहुत ज्यादा है। "मलेशियाई फैमिली आमतौर पर शुगर ड्रिंक के रूप में प्रति वर्ष औसतन तीन किलोग्राम चीनी का सेवन करते हैं। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि मलेशिया के 36 फीसदी युवा दिन में कम से कम एक बार कार्बोनेटेड पेय पी रहे हैं।

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मोटापे से बचने के लिए उपाय
मोटापा एक रोग है, इसे जिसनी जिजनी जल्दी समझ जाएं अच्छा होगा, इस रोग का इलाज बहुत आसान है। संतुलित भोजन और  व्यायाम करके मोटापा को दूर भगाया जा सकता है। योग क्रियाएं भी इसका बेहतर उपाय है। मॉनिंग-ईवनिंग वॉक, जल्दी सोकर सुबह जल्दी उठना, वर्क फ्रॉम होम के दौरान बीच-बीच में  घरेलू कार्यो केजरिए शारीरिक श्रम करना, वहीं तय समय घर का बना नाश्ता, खाने को डाइट में शामिल करेंगे तो मोटापा आपको छू भी नहीं पाएगा। 

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