सावधान! छोटे बच्चों को Tomato Flu का अधिक खतरा, केंद्र ने जारी की गाइडलाइन,जानें लक्षण और इलाज

भारत में टोमैटो फ्लू (Tamato flu) का खतरा बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की है।  इसके साथ ही यह चेतावनी जारी की गई है कि बच्चों के साथ-साथ यह बीमारी वयस्कों में भी फैल सकता है और परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Aug 24, 2022 6:31 AM IST

हेल्थ डेस्क. टोमैटो फ्लू (Tamato flu) या हैंड फुट एंड माउथ डिजीज (HFMD) भारत में फैल रहा है, जिसके कारण केंद्र सरकार ने राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की है। लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक टोमैटो फ्लू का केस सबसे पहले केरल के कोल्लम में 6 मई को देखा गया था। द लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित स्टडी में चेतावनी दी गई है कि छोटे बच्चों में टोमैटो फ्लू के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही इसे नियंत्रित और रोका नहीं गया तो वयस्कों में भी यह फैल सकता है। जिसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। केरल के अलावा ओडिशा और तमिलनाडु में भी टोमैटो फ्लू के मामले सामने आए हैं।

भारत में टोमैटो फ्लू और बच्चों पर खतरा

बच्चों में टोमैटो फ्लू के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इस उम्र में वायरल संक्रमण आम बात होती है। छोटे बच्चे गंदगी को छूते है, चीजों को सीधे मुंह में डालते हैं। जिसकी वजह से वो संक्रमित होते रहते हैं। बच्चों में इस खतरनाक बीमारी के फैलने की आशंका ज्यादा है। इसके साथ यह वयस्कों में भी फैल सकता है। शोध के मुताबिक कोविड -19 महामारी के भयानक अनुभव के कारण इस प्रकोप को रोकने और सतर्कता बरतना जरूरी है। 

क्या है Tomato Flu

Tomato Flu एक वायरल बीमारी है।जिसमें शरीर पर टमाटर के आकार के फफोले हो जाते हैं। इसमें ज्यादातर लक्षण दूसरे वायरल इंफेक्शन जैसे ही होते हैं। बुखार, रैशेज, जोड़ों में दर्द, जोड़ों में सूजन, गले में खराश और थकावट शामिल है। टोमैटो फीवर में पहले हल्का बुखार आता है, फिर गले में खराश शुरू होती है। बुखार के दो या तीन दिन बाद शरीर में दाने दिखाई देते हैं। जो बाद में बड़े हो जाते हैं। शरीर के अलावा यह मुंह के भीतर, मसूड़े और जीभ पर भी देखने को मिलते हैं।

टोमैटो फीवर होने पर क्या करें
-अगर बच्चा या बड़ा टोमैटो फीवर से ग्रसित है तो सबसे पहले उसे आइसोलेट करना चाहिए
-5 से 7 दिन तक उन्हें आइसोलेशन में रखना जरूरी है ताकि बीमारी ना फैले।
-मरीज के आसपास के इलाके को साफ रखें। सेनेटाइज करते रहें।
-वायरल से संक्रमित बच्चे दूसरे बच्चों के साथ ना खेलें, खिलौने शेयर ना करें
-फफोलों को हाथ नहीं लगाएं और ना खुजली करें। अगर उसे टच करते हैं तो फिर हाथ को तुरंत साफ करें।
-संक्रमित बच्चों के कपड़े, बर्तन सब अलग करना चाहिए।
-मरीज को ज्यादा आराम दें। उसे ज्यादा सोने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे मरीज जल्दी ठीक होते हैं।
-टोमैटो फ्लू की कोई दवा नहीं हैं। जो दवा वायरल में दी जाती है वहीं इसमें भी इस्तेमाल डॉक्टर कर रहे हैं।

संक्रमण का कैसे लगाए पता
अगर टोमैटो फ्लू का लक्षण दिखता है तो  Respiratory Samples या फिर Fecal (मल) Samples के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है। 

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