टीवी की फेमस एक्ट्रेस रतन राजपूत पिछले चार साल से एक्टिंग की दुनिया से दूर है। उन्होंने इसके पीछे की वजह बताई है। उन्होंने बताया कि वो डिप्रेशन से जूझ रही थीं। उससे निकलने के लिए उन्होंने कई तरह के रास्ते अपनाएं। अब वो कैमबैक करने के लिए तैयार हैं।
हेल्थ डेस्क. रतन राजपूत (ratan raajputh) ने टीवी इंडस्ट्री में 'अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो' से कदम रखा था और 'संतोषी मां'में आखिरी बार देखा गया। वो चार साल से छोटे पर्दे से दूर थी। हालांकि वो अपने यूट्यूब चैनल के जरिए अपने चाहनेवालों से कनेक्टेड रहीं। वो अपनी जिंदगी में गुजारे गए पलों को शेयर करती रहती हैं। लेकिन अब वो फिर से कम बैक करने के लिए तैयार हैं। रतन राजपूत एक्टिंग से क्यों इतने दिनों तक दूर रही इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वो डिप्रेशन से जूझ रही थी। लेकिन अब वो पूरी तरह ठीक हैं।
रतन ने कहा, 'साल 2018 में जब संतोषी मां खत्म हुआ उसके एक दिन बाद ही मैंने अपने पिता को खो दिया था।वो मेरे लिए सबसे बुरा वक्त था। मैं डिप्रेशन में चली गई थी। मैं कुछ भी नहीं करना चाहती थी।' डिप्रेशन के लक्षण को लेकर वो कहती हैं कि डिप्रेशन की बात अगर करें तो यह सिर्फ मूड स्विंग या फिर रोने से नहीं जुड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में दूसरे लक्षण भी नजर आते हैं। मैं कोई दवा नहीं लेना चाहती थी। इसलिए साइकॉलोजी पढ़ने का फैसला किया ताकि चीजें बेहतर तरीके से समझ सकूं।
मायानगरी से ब्रेक लें गांवों में पहुंची रतन राजपूत
डिप्रेशन से निकलने के लिए रतन राजपूत ने मुंबई नगरी से ब्रेक लिया और गांव के सफर पर निकल पड़ीं। तीन महीने तक वो गांव में रहीं और वहां खेती कीं। वो कहती हैं कि गांव के परिवेश में रहते हुए खेती करना मेरे लिए थेरेपी का काम किया। इससे मुझे काफी हद तक ठीक होने में मदद मिली।
गांव के लोग चिंतामुक्त जीवन जीते हैं।मुझे वहां बहुत कुछ सीखने को मिला। जीवन को देखने का नया नजरिया भी मिला।
काम जिंदगी का हिस्सा हैं, काम आपकी जिंदगी नहीं
वो कहती हैं कि ब्रेक लेकर मुझे इतना समझ आ गया कि काम आपकी जिंदगी का एक हिस्सा है, काम आपकी जिंदगी नहीं। अब मैं ठीक हूं और टीवी पर वापसी की प्लानिक कर रही हूं। बता दें कि वो कई टीवी शोज में दिखाई दे चुकी हैं। अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो, महाभारत, राधा की बेटियां समेत कई शोज में वो एक्टिंग करती दिख चुकी हैं।
डिप्रेशन को दूर करने के कुछ टिप्स
अलग-अलग जगहों पर घूमने जाएं। दोस्तों और फैमिली के साथ वक्त गुजारें।
मेडिटेशन करना चाहिए। इससे दिमाग से नकारात्मक विचार बाहर निकल जाते हैं।
अध्यात्म के सहारे आप खुद को अकेला नहीं समझते हैं और धीरे-धीरे उबरने लगते हैं।
प्रकृति और पेड-पौधों से प्यार करना दिमागी शांति के लिए असरदार होता है।
एक्सरसाइज करने से हैप्पी हार्मोन्स निकलता है और आप अवसाद से दूर होते हैं।
म्यूजिक सुनना भी फायदेमंद होता है। आप जानवर भी पाल सकते हैं। यह आपके तनाव को दूर करता है और बेशुमार प्यार देता है।
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