जानें कितने प्रकार के होते हैं हार्ट अटैक, पहचाने संकेत और बचाव के तरीके

पिछले कुछ वक्त से कई सेलेब्स की मौत हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से हो चुकी है। राजू श्रीवास्तव से पहले सिंगर केके की कार्डियक अरेस्ट से जान जा चुकी है।  40 साल के सिद्धार्थ शुक्ला की भी मौत साइलेंट किलर ने ले ली थी। आइए बताते हैं हार्ट अटैक कितने प्रकार के होते हैं और इससे कैसे बचें।

Nitu Kumari | Published : Sep 21, 2022 1:06 PM IST / Updated: Sep 21 2022, 07:11 PM IST

हेल्थ डेस्क.दुनिया भर में हार्ट अटैक की समस्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ वक्त से कई सेलेब्स इस साइलेंट किलर की वजह से दुनिया को छोड़कर चले गए। 21 सितंबर यानी आज के दिन मशहूर कॉमेडियन की जान इस खतरनाक बीमारी ने ले ली। इससे पहले सिंगर केके, एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला,एक्टर पुनित राजकुमार समेत कई सेलेब्स हार्ट अटैक की वजह से दुनिया को अलविदा कह गए। चलिए बताते हैं इस खतरनाक बीमारी के बारे में। हार्ट अटैक ( Heart attack) क्या है। ये कितने प्रकार का होता है। इसके कारण और बचाव क्या होते हैं।

क्या है हार्ट अटैक
कोरोनरी धमनियां (coronary artery) ब्लड को हृदय तक ले जाती हैं। जिसकी वजह से दिल काम करता है। दिल का दौरा तब होता जब कोरोनरी धमनियों में एक रुकावट पैदा हो जाती है। इससे ब्लड फ्लो रुक जाती है।

रुकावटें तब पैदा होती है जब फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ रक्त वाहिकाओं ( blood vessels) में प्लाक का निर्माण करते हैं। यह प्लाक समय के साथ क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और प्लेटलेट्स छोड़ सकते हैं।प्लेटलेट्स के कारण रक्त का थक्का जम सकता है। वे एक पट्टिका के चारों ओर जमा हो सकते हैं,जिसके परिणाम स्वरूब ब्लड फ्लो रुक सकता है।

ब्लड फ्लो को सीमित करके और रुकावटें पैदा करके हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। नुकसान की गंभीरता रुकावट के आकार पर निर्भर करेगी। जब ब्लड हृदय के एक महत्वपूर्ण हिस्से तक नहीं पहुंच रहा है, तो नुकसान अधिक बड़ा होगा।कार्डिएक अरेस्ट को अक्सर दिल के दौरे के रूप में गलत लेबल किया जाता है। हालांकि, कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब दिल अचानक काम करना बंद कर देता है।

तीन प्रकार के कोरोनरी आर्टरी डिजीज से दिल का दौरा (Heart attack) पर सकता है। एसटी-एलिवेशन मायोकार्डियल इंफार्क्शन(STEMI Heart Attack), नन एसटी  एलिवेशन मायोकार्डियल इंफार्क्शन (NSTEMIHeart Attack) और कोरोनरी धमनी ऐंठन (coronary artery spasm) ये तीन प्रकार है जिसके शिकार लोग होते हैं।

1.स्टेमी (ST segment elevation myocardial infarction )

स्टेमी ((STEMI)दिल का दौरा गंभीर होता है और इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ये हमले तब होते हैं जब कोरोनरीआर्टरी पूरी तरह से बाधित हो जाती है, जिससे ब्लड हृदय के एक बड़े क्षेत्र तक नहीं पहुंच पाता है। यह हृदय की मांसपेशियों को  नुकसान पहुंचाता है, जो  इसे काम करने से रोक सकता है।

2.नन स्टेमी NSTEMI(non-ST segment elevation myocardial infarction)

एनएसटीईएमआई दिल का दौरा तब होता है जब कोरोनरी आर्टरी आंशिक रूप से बाधित हो जाती है। इससे ब्लड फ्लो गंभीर रूप से प्रभावित हो जाता है। ये स्टेमी (STEMI) दिल के दौरे से कम खतरनाक होता है। वे स्थायी नुकसान का कारण बन सकती है।

3.कोरोनरी धमनी ऐंठन (Coronary artery spasm)

इन ऐंठन को साइलेंट हार्ट अटैक या अस्थिर एनजाइना भी कहा जाता है। वे तब होते हैं जब हृदय से जुड़ी धमनियां सिकुड़ती हैं, हृदय में रक्त के प्रवाह को रोकती हैं। यह स्थायी क्षति का कारण नहीं बनते हैं और वे अन्य प्रकार के कोरोनरी आर्टरी डिजीज  की तुलना में कम गंभीर होते हैं।

अपच जैसी मामूली  स्थिति में भी कोरोनरी धमनी की ऐंठन हो सकता है। हालांकि इसके अधिक होने से गंभीर दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।

Heart Attack के लक्षण क्या हैं-

हार्ट अटैक का सबसे प्राथमिक लक्षण है सीने में दर्द होना। इसे angina pain भी कहते हैं।दर्द केवल बाएं साइड (left side) की तरफ नहीं बल्कि बीच में या दाएं तरफ भी होता है। यह दर्द पेट के ऊपर की तरफ जाता है। कभी बाएं हाथ या कंधे की तरफ जाता है। कई बार जबड़े या दांत में भी दर्द हो सकता है।

-सांस की तकलीफ और पसीना आना।

-गैस होने की फीलिंग होना। ये कुछ हार्ट अटैक के पेशेंट में देखने को मिला है।

शुरुआती ट्रीटमेंट-

जब तक इमरजेंसी मेडिकल हेल्प नहीं पहुंचती है तब तक  एस्पिरिन को चबाएं और निगलें। यह रक्त में थक्का जमने से रोकता है। इसे लेने से यह दिल की क्षति को कम कर सकता है।अगर मरीज बेहोश है, तो उसे सीपीआर देना शुरू करें।

Heart Attack से बचाव 

सभी दिल के दौरे के लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की जरूरत होती है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर तुरंत ट्रीटमेंट पर फोकस करते हैं। जिसमें शामिल है-
-आगे रक्त के थक्के को कम करने के लिए एस्पिरिन  या कोई और ब्लड थिनर खाने को देते हैं।
-ऑक्सीजन थेरेपी
-रक्त प्रवाह का समर्थन करने के लिए नाइट्रोग्लिसरीन
-सीने में दर्द को कम करने के प्रयास
-एंजियोप्लास्टी और स्टेंट की सहायता से हार्ट में हुए ब्लॉकेज को ठीक किया जाता है।
-कॉरनेरी आर्टरी बाईपास से ब्लड फ्लो को ठीक किया जाता है। यह आमतौर पर स्टेबल और अनस्टेबल एंजाइना दोनों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है।

हार्ट अटैक से बचना है तो इन चीजों से करें तौबा

रेड मीट खाने से बचना चाहिए। एक शोध में पता चला है कि रेड मीट यानी लाल मांस ज्यादा खाने से  दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है। जो खून की नसों में गंदा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है। बहुत अधिक मात्रा में सोडा या कोल्ड ड्रिंक्स जैसे मीठे पेय पदार्थों के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है। चीनी और नमक लेने से भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए खाएं ये चीजें

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए फल और सब्जियां डाइट में लेना चाहिए। साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें।

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