रात में गैजेट का इस्तेमाल करना नहीं करते हैं बंद, तो पुरुष पिता बनने के लिए जाएंगे तरस !

बदलते लाइफस्टाइल के साथ-साथ पुरुषों की कुछ आदतें उन्हें नपुंसकता का शिकार बना रही हैं। देर रात पुरुष हेल्दी नींद लेने के बजाय गैजेट के साथ वक्त गुजराते हैं। जिसकी वजह से उनके पिता बनने की संभावना कम होती है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 25, 2022 5:08 AM IST / Updated: Jun 25 2022, 10:41 AM IST

हेल्थ डेस्क. गैजेट्स या तकनीक हमारी जिंदगी के काम को आसान बना दिया है। लेकिन इसका हमारे जीवन पर भी बहुत बुरा असर पड़ रहा है। रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है। देर रात तक फोन या अन्य गैजेट के इस्तेमाल से पुरुषों में बांझपन (मेल इनफर्टिलिटी) का खतरा बढ़ रहा है। जिससे वो बच्चे की किलकारी से महरूम हो सकते हैं।  देर रात तक डिजिटल गैजेट का इस्तेमाल करना प्रोग्रेसिव स्पर्म मोटिलिटी, स्पर्म मोटिलिटी और स्पर्म कंस्ट्रेशन पर असर डालता है। डिजिटल उपकरणों से एक रोशनी निकलती है, जिसे शॉर्ट-वेवलेंथ लाइट (SWl) कहते हैं। इससे स्पर्म की क्वालिटी पर असर पड़ता है।

दुनिया भर के 15 से 20 प्रतिशत महिला पुरुष इनफर्टिलिटी के शिकार

Latest Videos

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों को देखते हैं तो पाते हैं कि दुनिया भर में 15 से 20 प्रतिशत पुरुष और महिलाएं बांझपन की शिकार हैं।   मेल इनफर्टिलिटी रेट 20 से 40 प्रतिशत तक है। जबकि भारत में 23 प्रतिशत पुरुष बांझपन के शिकार हैं। 

बांझपन से बचने के लिए लाइफस्टाइल में करें बदलाव

बांझपन से बचने के लिए पुरुषों को देर रात तक गैजेट का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। इसके साथ ही अच्छी नींद लेनी चाहिए। इसके अलावा हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और टेंशन फ्री जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए। चिंता मुक्त होने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए।

महिलाएं प्यूबर्टी से लेकर मेनोपॉज तक बन सकती हैं मां

अगर महिलाओं की बात करें तो कहा जाता है ति 30 साल के बाद लड़की को कंसीव करने में दिक्कत होती है। लेकिन गायनेकोलॉजिस्ट की मानें तो महिलाएं 30 के बाद भी मां बन सकती हैं बस खुद को हेल्दी रखने की जरूरत होती है। अगर महिलाओं की  रिप्रोडक्टिव सिस्टम ठीक से काम कर रहा होता है तो वो  प्यूबर्टी से लेकर मेनोपॉज तक मां बन सकती हैं। फर्टिलिटी रेट धीरे-धीरे कम होता है। प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं को ओव्यूलेशन पीरियड की सही जानकारी होना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है।

उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन का लेवल होता है कम

यह सही है कि बढ़ते उम्र में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होता है। लेकिन यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है। 30 की उम्र के बाद हर साल टेस्टोस्टेरोन का लेवल 1 प्रतिशत कम होता है। यह हार्मोन पुरुषों के स्पर्म काउंट को प्रभावित करता है। 35 की उम्र के बाद पुरुषों स्पर्म काउंट कम होने लगता है। 

और पढ़ें:

82 की उम्र में पिता बना शख्स, 50 साल छोटी बीवी ने दिया बच्चे को जन्म, जानें कैसे हुए 'चमत्कार'

वीकेंड में शो देखने की बजाय पार्टनर के साथ करें ये 7 एक्टिविटी, पूरे Week रहेंगे फ्रेश

Share this article
click me!

Latest Videos

CJI के घर PM मोदी की गणपति पूजा पर विपक्ष को क्यों लगी मिर्ची? BJP ने धो डाला
PM मोदी की बातों को सुन गदगद हुए पैरालंपियन, देखें क्या गजब था माहौल
सुहागरात पर फूट गई दूल्हे की किस्मत, पतिदेव की डिमांड ने दुल्हन को किया एक्सपोज
'BJP के मुंह पर कड़ा तमाचा है SC का आदेश' Kejriwal की जमानत पर AAP गदगद #Shorts
इस्तीफे के लिए तैयार ममता बनर्जी, डॉक्टरों से बातचीत में क्या पेंच फंसा? । Kolkata Doctor Case