सावधान! वीडियो गेम्स बच्चों में खतरनाक दिल की समस्या को पैदा कर सकती है, स्टडी में खुलासा

अतिसंवेदनशील बच्चों के लिए वीडियो गेम खतरनाक हो सकता है। एक स्टडी के मुताबिक वीडियो गेम ऐसे बच्चों के दिल की धड़कन अनियमति रूप से बढ़ा देता है जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

Nitu Kumari | Published : Oct 11, 2022 11:50 AM IST

हेल्थ डेस्क.वीडियो गेम बच्चों के मानसिक विकास में सहायक होता है। लेकिन इसकी लत खतरनाक हो सकती है। खास कर अतिसंवेदनशील बच्चों के लिए वीडियो गेम जानलेवा भी साबित हो सकता है। एक स्टडी के मुताबिक वीडियो गेम खेलने से अतिसंवेदनशील बच्चों में दिल की धड़कन तेज हो सकती है और वो जीवन के लिए खतरा बन सकती है। हाल ही में जर्नल हार्ट रिदम ( journal Heart Rhythm) में प्रकाशित स्टडी में वीडियो गेम खेलने के दौरान होश खोने वाले बच्चों के बीच एक असामान्य लेकिन अलग पैटर्न को डॉक्यूमेंट किया गया है।

वीडियो गेम में जो झटके लगते हैं वो कुछ बच्चों के लिए जोखिम भरा होता है। ऑस्ट्रेलिया के द हार्ट सेंटर फॉर चिल्ड्रन के स्टडी प्रमुख क्लेयर एम लॉली (Claire M. Lawley) ने बताया कि वीडियो गेम अर्थमैटिक कंडीशन में कुछ बच्चों के लिए जोखिम भरा हो सकता है। वे वैसे बच्चों के लिए घातक होता है जिन्हें पहले से धड़कन की समस्या होती है लेकिन उसकी पहचान नहीं की गई होती है।

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दिल के लिए खतरनाक है वॉर से जुड़े वीडियो गेम

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक गेमिंग के दौरान अचानक होश खोने वाले बच्चों के दिल की धड़कन का टेस्ट हार्ट स्पेशलिस्ट को करना चाहिए, क्योंकि यह दिल की गंभीर समस्या का पहला संकेत हो सकता है। इस स्टडी को करने के लिए शोधकर्ताओं की टीम ने इंटरनेशल लेबल पर उन बच्चों की पहचान की जो वीडियो गेम खेलते समय अचानक बेहोश हो गए थे। उन्होंने पाया कि 22 मामलो में मल्टीप्लेयर वॉर गेमिंग ने ट्रिगर किया था।

कई बच्चों के दिल की धड़कन रुकने से मौत हो गई

उन्होंने कहा कि कुछ बच्चों की दिल की धड़कन रुकने से मौत हो गई। शोधकर्ताओं के अनुसार,कई बच्चों के ट्रीटमेंट के बाद भी दिल से जुड़ी बीमारी का जोखिम बना रहा।Catecholaminergic polymorphic ventricular tachycardia (CPVT) और जन्मजात Long QT syndrome (LQTS) प्रकार एक या दो सबसे आम बुनियादी कारण थे। शोधकर्ताओं ने रोगियों के बीच संभावित रूप से जेनेटिकल कारण का भी जिक्र किया। उन्होंने 63 प्रतिशत बच्चों में जेनेटिकल कारण को पाया। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में वीडियो गेमिंग के दौरान होश खोने वाले बच्चे की जांच के कारण परिवार के कई सदस्यों में एक अहम पारिवारिक दिल से जुड़ी समस्या का पता चला।

माता-पिता को रहना होगा सावधान

शोध में कहा कि गया कि परिवारों और हेल्थ केयर टीम को उन बच्चों में इलेक्ट्रॉनिक गेमिंग के दौरान सुरक्षा और सावधानी के बारे में सोचना चाहिए। मतलब अगर बच्चों में हार्ट से जुड़ी समस्या का लक्षण दिखता है तो उन्हें ऐसे गेम खेलने से रोकना चाहिए।शोधकर्ताओं ने बच्चों के बेहोश होने के पीछे गेमिंग के दौरान शरीर में नर्वस सिस्टम में एड्रीनर्जिक उत्तेजना को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि दिल से जुड़ी घटनाओं के वक्त रोगी गेम के दौरान हार या जीतने के दौरान अति उत्साहित हो गया या फिर बाकि के प्लेयर के साथ संघर्ष कर रहा था। मतलब उत्साहित करने वाले गेम के दौरान पैरेंट्स को बच्चों पर नजर रखना चाहिए। खासकर जब परिवार में दिल से जुड़ी बीमारी का जेनेटिकल केस हो। 

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