अमेरिका के कोलोराडो की 53 वर्षीय कैरी चार साल से अपना पेशाब पीने की आदी हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पानी की तुलना में अपनी पेशाब पीना आसान लगता है।
हेल्थ डेस्क : गोमूत्र को पीने के फायदे के बारे में तो हमने कई बार सुना है, लेकिन क्या कभी आपने किसी को अपना खुद का यूरिन पीते देखा है? आप सोच रहे होंगे कि यह कैसा बेहूदा सवाल है। लेकिन आपको बता दें कि अमेरिका के कोलोराडो (Colorado) में रहने वाली 53 साल की कैरी (Carrie) को अपने खुद के पेशाब पीने की आदत है। वह पिछले 4 सालों से इसका सेवन कर रही है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि, वह दिन में करीब 5 ग्लास अपना खुद का यूरिन पीती है और इसके टेस्ट को भी लेकर उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया। लेकिन यह महिला आखिर क्यों अपना यूरिन पीती है और क्यों उसे यह पानी पीने से भी ज्यादा आसान लगता है आइए आपको बताते हैं...
कीमोथेरेपी की जगह चुनी यूरिन थेरेपी
कैरी ने पहली बार अपना यूरिन पीना तब शुरू किया जब उन्हें 4 साल पहले मेलानोमा कैंसर का पता चला। उन्होंने कीमोथेरेपी की जगह यूरिन थेरेपी लेने का फैसला किया और अपनी यूरिन पीना शुरू किया। इतना ही नहीं कैरी कहती है कि मैं टूथब्रश के लिए भी अपनी यूरिन का उपयोग करती हूं, मुझे लगता है कि यह मेरे दांतों को चमकाता है। इतना ही नहीं आंखों के नीचे, कानों में और बालों की जड़ों में भी वह अपनी पेशाब का इस्तेमाल करती हैं। उनका दावा है कि जब से वह इसका इस्तेमाल कर रही है तब से उनमें कई सारे पॉजिटिव चेंज आए हैं। वह बताती हैं कि नहाते समय भी वह अपनी बांसी यूरिन को लोशन की तरह इस्तेमाल करती हैं। इससे उनकी स्किन ग्लो करने लगती है।
'शैंपेन सा लगता है यूरिन का टेस्ट'
अपनी यूरिन के टेस्ट के बारे में कैरी ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इसका टेस्ट अलग-अलग होता है। कई बार यह नमकीन होती है, तो कई बार इसका स्वाद शैंपन जैसा लगता है। वह बताती हैं कि उन्हें अपनी पेशाब पीना पानी पीने से ज्यादा आसान लगता है। कैरी को शतावरी खाना बहुत पसंद था, लेकिन वह इससे उनकी यूरिन का स्वाद खराब हो जाता है, इसलिए उन्होंने शतावरी खाना बंद कर दिया।
यूरिन थेरेपी छोड़ने से हो जाएगी मौत
कैरी इस कदर अपने यूरिन पीने की आदी हो गई है कि वह बताती हैं कि वह अगर यूरिन थेरेपी छोड़ती है तो उनकी मौत हो जाएगी। हालांकि, कैरी की बेटी केसी को अपनी मां की बहुत चिंता होती थी। जिसे देखते हुए कैरी डॉक्टर से मिलने के लिए गई। डॉक्टर ने कैरी की कमर पर एक तिल को लेकर बायोप्सी करने का सजेशन दिया। इसके बाद उन्हें कैंसर डायग्नोसिस हुआ। उन्होंने कैंसर के लिए कीमोथेरेपी लेने की जगह प्राचीन यूरिन थेरेपी लेने का फैसला किया और पिछले 4 साल में वह लगभग 3,406 लीटर यूरिन पी चुकी हैं।
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