
हेल्थ डेस्क. इजराइल (israel) की सरकार अपनी सेना को सरोगेट सेक्स थेरेपी देती है। युद्ध में जख्मी सैनिक जो अपना आत्मविश्वास खो चुके हैं उनके यौन पुर्नवास के लिए ये थेरेपी उन्हें दी जाती हैं। सरकार अपने खर्चे पर सैनिकों को यह सुविधा मुहैया कराती है। यह एक कपल थेरेपी होती है। जिसमें मेल और फीमेल को एक साथ होना जरूरी होता है। इस थेरेपी के लिए महिला या पुरुष को सरोगेट के तौर पर लाया जाता है। जो एक कमरे में पार्टनर की तरह रहते हैं।
क्यों दी जाती है सेक्स थेरेपी
इजरायली सेक्स थेरेपिस्ट रोनित अलोनी बताती है कि सेक्स थेरेपी कई मायनों में कपल थेरेपी है।पार्टनर के बैगर यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती है।सरोगेट महिला या पुरुष पार्टनर की भूमिका निभाने के लिए रखे जाते हैं। बीबीसी से बात करते हुए अलोनी सेक्स थेरेपी की पैरवी करती हैं। उनका कहना है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि वो किसी को आनंद दे सकते हैं और किसी से आनंद ले सकते हैं। वो बताती कि सेक्स थेरेपी की 85 फीसदी हिस्सा अंतरंगता सीखती है। इसमें अंतरंगता कायम करने के तरीके बताए जाते हैं।
सेक्स थेरेपी कैसे करता है काम
इस थेरेपी में लोगों को एक दूसरे के करीब आने, उन्हें छूने और अंतरंगता और शारीरिक आदान-प्रदान कायम करने के तरीके बताए जाते हैं। यह थेरेपी उस समय पूरी हो जाती है जब आप यौन संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाते हैं।
इजरायल सरकार अपने जख्मी सैनिको को दे रही ये सुविधा
कोई सैनिक जो शादीशुदा हैं और युद्ध में जख्मी होने के बाद अपने पार्टनर के साथ यौन संबंध बनाने में सहज नहीं होते हैं तब उन्हें सेक्स थेरेपी दी जाती है। सरकार इसका वहन करती है। दुनिया में कई देशों में इस थेरेपी की चर्चा हुई है। लेकिन ज्यादातर जगहों पर इसे वेश्यावृति के रूप में ही देखा जाता है। लेकिन इजरायल अपने सैनिकों के मानिसक स्थिति और शारीरिक स्थिति को ठीक करने के लिए बिना किसी हिचक के ये काम कर रही है। हालांकि इजराइल में सरोगेट पार्टनर किसी विवाहित पुरुष या विवाहित महिला को नहीं बनाया जाता है।
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