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65 साल के अनिल कपूर की जवानी का राज हैं 'हैप्पी हार्मोन्स', जानें इसके बारे में और बढ़ाने के 4 तरीके
हेल्थ डेस्क. अनिल कपूर (Anil Kapoor) नाना बन चुके हैं। बावजूद इसके उनके चेहरे पर उम्र का असर नहीं दिखता है। 65 साल की उम्र में भी वो जवां दिखते हैं। कॉफी विद करण (Koffee With Karan) का सातवां सीजन में जब उनकी जवानी का राज पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया सेक्स, सेक्स और सेक्स। तो क्या वाकई बढ़ती उम्र के असर को सेक्स कम कर सकता है। तो चलिए बताते हैं कि बढ़ती उम्र में आप अपने हैप्पी हार्मोन्स को कैसे बनाए रख सकते हैं, ताकि उम्र को मात दे सकें...
| Published : Sep 15 2022, 10:16 AM IST
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उम्र के असर को कम करने के लिए कोई दवा नहीं है। लेकिन कुछ रिसर्च में पता चला है कि सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन के साथ-साथ मानव विकास हार्मोन बढ़ती उम्र के असर को कम कर सकते हैं। लेकिन इसे बनाए रखना जरूरी है।
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन और महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर एंटी एजिंग से जुड़ा होता है। कुछ शोध में यह भी पता चला है कि ग्रोथ हार्मोन (जीएच-जिसे सोमाटोट्रोपिन या मानव विकास हार्मोन भी कहा जाता है) का स्तर भी उम्र के साथ गिरता है। शरीर में ग्रोथ हार्मोन और सेक्स हार्मोन दोनों की बदलने से बढ़ती उम्र से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद मिल सकती है। हालांकि इसे लेकर अभी कोई सबूत नहीं है। SCBI के मुताबिक ग्रोथ हार्मोन, मेलाटोनिन, टेस्टोस्टेरोन, और डीहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन बढ़ती उम्र के असर को कम करने का काम करते हैं। इसका स्तर बढ़ाकर आप लंबे वक्त तक जवां लग सकते हैं।
व्यायाम करें
व्यायाम करने से हैप्पी हार्मोन बढ़ता है। एक्सरसाइज एंडोर्फिन रिलीज करता है। हृदय गति और नाड़ी बढ़ाने वाले एक्सरसाइज खुशी का कारण बन सकती हैं। एंडोर्फिन आपके दर्द को महसूस करने की क्षमता को बढ़ता है और उम्र के असर को कम कर करता है।
सेक्स से बढ़ती है हैप्पी होर्मोन्स
एंडोर्फिन, ऑक्सीटोसिन और डोपामाइन सेक्स के दौरान जारी होते हैं। डोपामाइन को फील गुड हार्मोन कहा जाता है जबकि ऑक्सीटोसिन को कडल हार्मोन। यह आपको खुश रखता है और जवान भी करता है।
मालिश भी उम्र के असर करती है कम
शरीर की मालिश भी एंडोर्फिन को बढ़ाता है। मालिश करने और कराने वाले दोनों व्यक्ति में ऑक्सीटोसिन उत्पादन को उत्तेजित करता है। यह शरीर को रिलैक्स करता है। मालिश की वजह से स्किन में कसावट भी आती है।
मेडिटेशन भी रखता है जवां
मेडिटेशन जहां दिमाग को सुकून पहुंचता है। वहीं मन को एकाग्र करने में मदद करता है। मेडिटेशन एंडोर्फिन के साथ-साथ डोपामाइन, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन को भी बढ़ाता है। जिसकी वजह आप लंबे समय तक जवां रहते हैं। इसके अलावा हंसी और मजाक भी एंडोर्फिन को बढ़ता है। इसलिए हंसने के बहाने खोजिए।
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