World AIDS Day 2022: पहले हुआ HIV फिर कैंसर, 66 साल के शख्स ने दोनों बीमारियों से जीती जंग

World's aids day 2022: आज पूरे विश्व में वर्ल्ड एड्स डे मनाया जा रहा है। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि ऐसे शख्स की कहानी जो एड्स ही नहीं कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को भी मात दे चुका है।

Deepali Virk | Published : Dec 1, 2022 3:10 AM IST

हेल्थ डेस्क : कैंसर (cancer) और एड्स (AIDS ) दो ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में सुनकर ही रूह कांप जाती है। कहते हैं यह दोनों ही बीमारी जानलेवा है और इससे बच पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन जरा सोचिए कि अगर किसी व्यक्ति को यह दोनों बीमारी हो जाए तो उसकी हालत क्या होगी? आप सोच रहे होंगे कि ऐसा शख्स तो एक-दो साल में ही भगवान को प्यारा हो जाएगा। लेकिन आज हम आपको बताते हैं एक ऐसे जांबाज व्यक्ति की कहानी जिसने ना सिर्फ एचआईवी बल्कि कैंसर को भी मात दी और 66 साल की उम्र में एक हेल्दी और हैप्पी लाइफ शुरू की...

कौन है यह शख्स
अमेरिका में रहने वाला 66 साल का एक बुजुर्ग सिटी ऑफ होप (city of hope) के नाम से जाना जाता है। दरअसल, कैलिफोर्निया में मरीज का इलाज सालों से चल रहा था। जहां इस शख्स ने कैंसर और एचआईवी दोनों बीमारियों को मात दी और दुनिया भर में इस बीमारी से पीड़ित करोड़ों लोगों में यह उम्मीद जगाई कि अगर मन में पॉजिटिविटी हो और बीमारी से लड़ने का जज्बा हो, तो आप किसी भी बीमारी को हरा सकते हैं।

1988 में हुआ एचआईवी
सिटी ऑफ होप नाम से मशहूर ये शख्स 33 सालों तक एचआईवी संक्रमण से जूझता रहा। इस शख्स ने बताया कि 1988 में मुझे पता चला कि मैं एचआईवी से संक्रमित हूं। दूसरे लोगों की तरह मुझे भी लगा कि यह मौत से बुरी सजा है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं उस दिन को देखने के लिए जिंदा रह पाऊंगा जब मुझे एचआईवी नहीं होगा।

जब मिली आशा की किरण
इस शख्स का इलाज करने वाली डॉक्टर जैना डिक्टर ने बताया कि इस मरीज के शरीर में एक वक्त एड्स पूरी तरह से फैल चुका था। लेकिन उसे एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (Antiretroviral Therapy) दी गई। यह वही थेरेपी है जो आज विश्व स्तर पर 38 मिलियन एचआईवी संक्रमित लोगों को दी जा रही है और काफी कारगर मानी जाती है। इस मरीज को 31-32 साल तक एचआईवी था, लेकिन अच्छी बात यह है कि उनके शरीर को बीमारी ने पूरी तरह से छोड़ दिया और आज वह स्वस्थ है।

2019 में हुई कैंसर की सर्जरी
सिटी ऑफ होप मरिज में ल्यूकेमिया (Leukaemia) कैंसर का पता चलने के बाद 2019 में उनकी एक सर्जरी हुई। उन्हें बाहर के डोनर ने स्टेम सेल दिया। इसके बाद उनका बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया। काफी मुश्किल सर्जरी के बाद 2021 में यह शख्स कैंसर और एचआईवी दोनों जानलेवा बीमारी से मुक्त हो गया। आज हंसी-खुशी अपनी जिंदगी जी रहा है।

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