India@75: अंग्रेज सेना के खिलाफ लड़ने वाली भारतीय रानी, जिनकी कमांडर थी दुनिया पहली मानव बम, डर गए थे अंग्रेज

सार

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन (Indian Freedom Movement) में देश की वीर महिलाओं ने भी अपने प्राणों की आहुति दी है। कई रानियां भी ऐसी रहीं जिन्होंने ब्रिटिश सेना को घुटनों के बल ला दिया था। इन्हीं में से एक हैं रानी वेलू नचियर।

नई दिल्ली. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई बहादुर भारतीय महिलाओं ने ब्रिटिश आक्रमणकारियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। झांसी की महान रानी लक्ष्मीबाई को सभी लोग जानते हैं लेकिन लेकिन ऐसा नहीं है कि वे अकेली ऐसी रानी थीं। तमिलनाडु की दो बहादुर महिलाएं रानी वेलु नचियार और उनकी महिला कमांडर कुयली ने अंग्रेजों के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी थी। उन्होंने ब्रिटिश सेना के एक डिपो को आग लगा दी। ये महिलाएं तमिलनाडु में 18वीं शताब्दी के दौरान अंग्रेजों को झकझोरने वाले पॉलीगर युद्धों में सबसे आगे थीं।

कौन थीं रानी वेलु नचियर
रानी वेलु नचियार अंग्रेजों से लड़ने वाली पहली भारतीय रानी थीं। वे रामनाथपुरम की एक राजकुमारी थीं। वेलू कम उम्र में ही मार्शल आर्ट, तीरंदाजी और घुड़सवारी में माहिर हो गई थी। इसके अलावा वह उर्दू, अंग्रेजी और फ्रेंच सहित कई भाषाओं में भी कुशल थीं। उनका विवाह शिवगंगा के वीर राजकुमार मुथु वदुगनाथ पेरीयोद्य थेवर से हुआ था। थेवर अपने देश की रक्षा करते हुए अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी और उसके सहयोगी आर्कोट के नवाब से लड़ते हुए मारे गए थे। कलैयार कोइल युद्ध में अपने पति की मृत्यु के बाद वेलू नचियार अपनी नवजात बेटी वेल्लाची के साथ डिंडीगुल भाग गई। लेकिन उनका फैसला अंग्रेजों से छिपने का नहीं बल्कि उनसे लड़ने का था। उन्होंने मैसूर के हैदर अली के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाया और ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की छावनियों पर कई आश्चर्यजनक हमले किए।

Latest Videos

दलित महिला कमांडर की बहादुरी
रानी वेलु नचियर द्वारा किए गए हमलों में सबसे क्रूर हमला 1780 के विजयादशमी के दिन हुआ था। जिसका नेतृत्व नचियार की शक्तिशाली महिला कमांडर कुयिल ने किया था, जो दलित जाति की थीं। तब कुयली ने अपने पूरे शरीर पर घी डालकर आर्म्स डिपो में प्रवेश किया और पूरे शस्त्रागार के साथ खुद को ही आग लगा ली। कुयली पहली मानव बम मानी जा सकती हैं। इस आश्चर्यजनक घटना ने अंग्रेजों को डरा दिया और वे पीछे हट गए। नचियार ने अपना देश शिवगंगा वापस पा लिया। नचियार और कुयली हमलावर ताकतों के खिलाफ बहादुर तमिल महिलाओं के प्रतिरोध का प्रतीक हैं।

यहां देखें वीडियो

यह भी पढ़ें

India@75: आजादी के आंदोलन में घनश्याम दास बिरला ने निभाई बड़ी भूमिका, मतभेद के बाद भी देते रहे गांधीजी का साथ
 

Share this article
click me!

Latest Videos

B.Tech, M.Tech और MBA वाला चोर, देखें कैसे पकड़ा गया हाईक्वालीफाई Thief
Delhi पहुंचा Tahawwur Rana, 26/11 के आरोपी को TV पर देख ताजा हो उठा Sunita का दर्द