झारखंड: विधानसभा में रहा है युवाओं का बोलबाला, इस बार 50 फीसदी युवा उम्मीदवार आजमा रहे हैं किस्मत

प्रदेश के बनने से लेकर अभी तक हर चुनाव में विधायक बनने वाले कई नये युवा चेहरे रहे हैं, जिनकी संख्या चुनाव दर चुनाव बढ़ती रही है ऐसे में  35 साल या इससे कम उम्र वालों नेताओं का ट्रैक रिकार्ड देंखे तो काफी बेहतर रहा

Asianet News Hindi | Published : Dec 4, 2019 10:06 AM IST / Updated: Dec 04 2019, 04:54 PM IST

रांची: झारखंड के सियासी संग्राम में हमेशा मतदाता बदलाव वाला मिजाज के साथ वोटिंग करते रहे हैं। इसी का नतीजा रहा है कि 50 फीसदी से ज्यादा मौजूदा विधायकों को जनता दोबारा से मौका नहीं देती इतना ही नहीं झारखंड की आवाम को युवा नेता ज्यादा पंसद आते हैं। प्रदेश के बनने से लेकर अभी तक हर चुनाव में विधायक बनने वाले कई नये युवा चेहरे रहे हैं, जिनकी संख्या चुनाव दर चुनाव बढ़ती रही है ऐसे में  35 साल या इससे कम उम्र वालों नेताओं का ट्रैक रिकार्ड देंखे तो काफी बेहतर रहा। यही वजह है कि इस बार विधानसभा चुनाव में 50 फीसदी युवा नेता चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने उतरे हैं।

झारखंड बनने से पहले बिहार के साल 2000 के विधानसभा चुनाव में पांच युवा विधायक थे जबकि, 2005 में इनकी संख्या 11 रही और साल 2009 के विधानसभा चुनाव में बढ़कर 13 पहुंच गई। लेकिन 2014 में प्रदेश की जनता ने युवाओं क नाकारा है इसी चलते महज सात युवा चेहरे जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 

2000 में युवा विधायक

साल 2000 में झारखंड क्षेत्र से पांच युवा नेता विधानसभा पहुंचने में सफल रहे थे इनमें खरसावां सीट से अर्जुन मुंडा, सिल्ली सीट से सुदेश महतो, लोहरदगा से सुदर्शन भगत, जगन्नाथपुर सीट से मधु कोड़ा और जामा से दुर्गा सोरेन विधायक चुने गए थे इन सारे नेताओं की उम्र 35 साल से कम थी।

2005 में दोगुना युवा विधायक

झारखंड बनने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव 2005 में हुए थे इस बार युवा नेताओं के विधायक बनने का ट्रैक रिकॉर्ड साल 2000 की तुलना काफी बेहतर रहा है। जामा से सुनील सोरेन, हजारीबाग से सौरभ नारायण सिंह, चतारा से सत्यानंद भोक्ता, बगोदर से विनोद सिंह, निरसा से अपर्णा सेनगुप्ता, पोटका से अमूल्यो सरदार, चक्रधरपुर से  सुखराम उरांव, सिसई से समीर उरांव, गुमला से भूषण तिर्की, गोड्डा से संजय प्रसाद यादव और भवनाथपुर से भानुप्रताप साही विधायक चुने गए थे। 

2009 में 13 विधायक युवा थे

झारखंड में 2009 के विधानसभा चुनाव में 13 युवा विधायक चुने गए थे। इनमें से जुगसलाई में रामचंद्र सहिस, जमेशदपुर पश्चिम सीट से बन्ना गुप्ता, जगन्नाथपुर से गीता कोड़ा, मनिका सीट से हरि कृष्ण सिंह, छतरपुर सीट से सुधा चौधरी, सिमरिया से जयप्रकाश सिंह, बरकट्ठा से अमित यादव, हजारीबाग से सौरभ नारायण सिंह, बाघमारा से ढुलु महतो, निरसा से अरूप चटर्जी, जामा से सीता सोरेन, खूंटी से नीलकंठ सिंह मुंडा और दुमका से हेमंत सोरेन विधानसभा पहुंचे थे।

2014 में घट गए युवा विधायक

2014 के विधानसभा चुनाव में युवा विधायकों के चुने जाने में कमी देखने को मिली है। 13 विधायकों से घटकर यह आंकड़ा 7 पर आ गया है 2014 में चतारा से जय प्रकाश सिंह भोक्ता, डाल्टनगंज से आलोक कुमार चौरसिया, बहरागोड़ा से कुणाल षाड़ंगी, जगन्नाथपुर से गीता कोड़ा, तमाड़ से विकास मुंडा, मांडू से जयप्रकाश भाई पटेल और सारठ से रणधीर कुमार सिंह विधायक चुने गए थे।

(फाइल फोटो)

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