मंगलवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथा था। जहां संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने मॉब लिंचिंग रोकने के लिए विधेयक को सदन में प्रस्ताव रखा। जिस पर स्पीकर ने मतदान कराया और सभी ने अपना मत भी रखा। इस तरह से झारखंड में अब मॉब लिंचिंग पर कानून बन गया है।
रांची (झारखंड). देशभर से आए दिन सही वजह जाने बिना भीड़ किसी को भी पीट-पीटकर मौत के घाट उतार देती है। यानि मॉब लिंचिंग की घटनाएं अब आम हो गई हैं। इसलिए इन घटनाओं का रोकने के लिए झारखंड विधानसभा में भीड़, हिंसा एवं भीड़ लिंचिंग निवारण विधेयक 2021 बिल पास हो गया है। जिसमें मॉब लिंचिंग के दोषी को मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है।
शीतकालीन सत्र के चौथे दिन यूं मॉब लिंचिंग पर बना कानून
दरअसल, मंगलवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथा था। जहां संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने मॉब लिंचिंग रोकने के लिए विधेयक को सदन में प्रस्ताव रखा। जिस पर स्पीकर ने मतदान कराया और सभी ने अपना मत भी रखा। इस तरह से झारखंड में अब मॉब लिंचिंग पर कानून बन गया है।
बीजेपी ने उठाए कई सवाल..बताया काल दिन
बता दें कि जैसे ही सत्ता पक्ष ने इस विधेयक को सदन में रखा तो विपक्षी पार्टी बीजेपी ने चर्चा के दौरान BJP ने जमकर हंगामा किया। बीजेपी के विधायक वेल तक पहुंच गए। उन्होंने इस कानून सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप भी लगाया। पार्टी के तीन विधायकों अमर बाउरी, अमित मंडल और रामचंद्र चंद्रवंशी ने संशोधन प्रस्ताव भी लाए लेकिन सभी खारिज कर दिए गए। साथ ही उन्होंने इसे तैयार करने वाले अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठाया।
जानिए इस बिल में क्या-क्या हैं प्रावधान
मॉब लिंचिंग रोकने वाले बिल के तहत अगर मारपीट के दौरान किसी की मौत हो जाती है तो दोषियों को मौत की सजा मिलेगी। इसके अलवा 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं लिंचिंग के दौरान किसी को चोट आती है तो दोषी को तीन साल तक की सजा और एक लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
आखिर क्या है मॉब लिंचिंग...
लिंचिंग के खिलाफ बने इस कानून के प्रारूप में बताया गया है कि आखिर क्या है मॉब लिंचिंग, किसी ऐसी भीड़ द्वारा धार्मिक, रंगभेद, जाति, लिंग, जन्मस्थान, भाषा सहित कई ऐसे ही आधार पर हिंसा या हिंसक घटना किसी की हत्या का कारण बन जाए, उसे मॉब लिंचिंग कहा जाएगा। दो या दो से ज्यादा लोगों के समूह को मॉब कहा गया है।
झारखंड में मॉब लीचिंग की घटनाएं