अब तक 6 बार जेल जा चुके हैं लालू यादव, क्या इस बार भी मिलेगी सजा, चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में फैसला आज

इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी है। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के और 53 आपूर्तिकर्ता आरोपी बनाए गए हैं। कोर्ट ने सभी आरोपियों को आज मौजूद रहने का निर्देश दिया है।

रांची : RJD प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) जेल जाएंगे या फिर रिहा होंगे इसका फैसला आज हो जाएगा। सुबह साढ़े 10 बजे से चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी मामले में आज फैसले का दिन है। इस मामले में लालू यादव समेत 99 आरोपी हैं। CBI के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने 29 जनवरी को इस मामले में बहस पूरी हो गई थी। 15 फरवरी को फैसले की तारीख तय की गई है। इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी है। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के और 53 आपूर्तिकर्ता आरोपी बनाए गए हैं। कोर्ट ने सभी आरोपियों को आज मौजूद रहने का निर्देश दिया है।

6 बार जेल जा चुके हैं लालू यादव
चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं। उनसे जुड़ा यह पांचवां केस है। इससे पहले चाईबासा ट्रेजरी से जुड़े 2 केस और देवघर- दुमका के एक-एक केस में लालू को सजा मिल चुकी है। सीबीआई की अलग-अलग अदालतों ने लालू प्रसाद और अन्य आरोपियों को दोषी माना है। अब तक लालू यादव 6 बार जेल भी जा चुके हैं। अभी दुमका ट्रेजरी मामले में जमानत पर बाहर हैं। सुनवाई में उपस्थित रहने के लिए लालू 2 दिन पहले 13 फरवरी को ही रांची (Ranchi) पहुंच गए हैं। वहां उनका कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया था। अभी वह रांची में ही है। उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती भी सोमवार को रांची पहुंच चुकी हैं। मीसा भारती कोर्ट में रूम में लालू के साथ रह सकती है। इस फैसले से लालू यादव का भविष्य तो तय होगा ही, बिहार (Bihar) की राजनीति भी प्रभावित होगी।

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15 साल, 575 गवाह 
डोरंडा कोषागार मामले में 575 गवाहों का बयान दर्ज कराने में CBI को 15 साल लग गए। 99 आरोपियों में 53 आरोपी आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि 33 आरोपी पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी हैं। वहीं, 6 आरोपी तत्कालीन कोषागार पदाधिकारी हैं, जबकि मामले के 6 आरोपी ऐसे हैं, जिन्हें CBI आज तक नहीं खोज सकी है। बता दें कि 90 के दशक का सबसे बड़े घोटाले में झारखंड (Jharkhand) में 53 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें यह 52वां केस है, जिसमें अदालत फैसला सुनाने जा रही है।

लालू पर पहला केस
चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी।  CBI की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था। लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपए अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था। इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी। लालू प्रसाद को पांच साल की सजा हुई थी।

लालू यादव  पर दूसरा केस
देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इसके साथ ही उन पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया था।

तीसरा केस 
चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था। जिसमें कुल 76 आरोपी थे। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई। सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा।

चौथा केस
ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपए फर्जी तरीके से निकालने का है। सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा सुनाई थी।

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