खतरे में CM हेमंत सोरोन की कुर्सी, चुनाव आयोग ने सदस्यता रद्द करने के लिए राज्यपाल को भेजी चिट्‌ठी...

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सीएम की सदस्यता रद्द करने करने के लिए अपनी राय भेजी है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 25, 2022 7:07 AM IST / Updated: Aug 25 2022, 12:55 PM IST

रांची, इस वक्त झारखंड की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। चुनाव आयोग ने प्रदेश के राज्यपाल रमेश बैस को सीएम की सदस्यता रद्द करने करने के लिए चिट्‌ठी भेजी है। सदस्यता रद्द होगी या उन्हें क्लीनचिट मिलेगी इस पर गुरुवार को दोपहर 3 बजे राज्यपाल रमेश बैस फैसला लेंगे। चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सीएम हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले की रिपोर्ट राज्य भवन भेज दी है। राज्यपाल फिलहाल दिल्ली में है। गुरुवार दोपहर 1:30 बजे तक राज्यपाल रांची पहुंच सकते हैं। बताया जा रहा है कि दोपहर 3 बजे राज्यपाल सीएम की विधायकी पर फैसला लेंगे। इसको लेकर राज्यभवन में अफसरों की बैठक चल रही है। झारखंड में अगले 48 घंटे में राजनीतिक उथल-पुथल का अंदेशा लगाया जा रहा है।

कौन होगा हेमंत सोरेन का विकल्प
फैसला हेमंत सोरेन के खिलाफ गया तो हेमंत सोरेन की विधायकी चली जाएगी। साथ ही उन्हें मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ेगा। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि हेमंत सोरेन की जगह कौन लेगा। सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन को पहले विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। जबकि पर्यटन मंत्री जोबा मांझी और परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को भी सीएम के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। दोनों सोरेन परिवार के काफी करीबी और विश्वासी हैं।

जानिएं को खतरे में पड़ रही सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी
दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला चल रह है। बीजेपी ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए रांची के अनगड़ा में पत्थर की खदान लीज पर लेने की शिकायत की थी। बीजेपी ने फरवरी 2022 में रघुवर दास के नेतृत्व में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने अपने नाम से रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज आवंटित करा ली। इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की गई है।

सीएम होने के साथ खनन और वन मंत्री भी हैं हेमंत सोरेन
बीजेपी ने आरोप लगाया था कि सोरेन झारखंड के सीएम होने के साथ खनन और वन मंत्री भी हैं। अपने अधीन वन विभाग से उन्होंने खनन की एक लीज ली है। उन्होंने जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 9ए का हवाला देते हुए कहा कि सरकारी ठेके लेने के कारण उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य कर देना चाहिए। लाभ के पद मामले पर ईसीआई में अब सुनवाई पूरी हो गयी है। कभी भी फैसला आ सकता है।

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