2 साल बाद सजा बैद्यनाथ का दरबार, बोल बम की आवाज से गूंजा बाबा का धाम, CM ने राज्यवासियों को दी सावन की बधाई

झारखंड के देवघर में भोले बाबा से  मांगी गई उपासना की अनुमति, उसके बाद हुई सरदारी पूजा। सोशल मीडिया में  पोस्ट कर प्रेदश के  मुंख्यमंत्री ने दी बधाई। उन्होंने भोलेनाथ से सभी के स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 14, 2022 8:53 AM IST / Updated: Jul 14 2022, 02:39 PM IST

देवघर. सावन का आज पहला दिन है। सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर राज्यवासियों को सावन की बधाई दी है। उन्होंने भोलेनाथ से सभी के स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की। वहीं दो साल बाद सावन के पहले दिन देवघर के बाबा बैद्यनाथ का दरबार सजा। कोरोना काल के दौरान मंदिर में सावन महीने में श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति नहीं मिली थी। वैद्यनाथ मंदिर में पहले दिन की पहली पूजा 55 मिनट तक हुई है। सुबह 3 बजकर 5 मिनट पर बाबा का पट खुला और उन्हें काचा जल अर्पीत किया गया। काचा जल चढ़ाकर बाबा को ठंडा करने की परम्परा है। बाबा को काचा जल चढ़ाकर उनसे पूजा अर्चना के लिए अनुमति ली जाती है, इसके बाद ही बाबा की सरदारी पूजा की जाती है। इसके बाद 28 मिनट तक सावन की पहली सरदारी पूजा की गई। आम भक्तों की पूजा सुबी 4 बजे शुरू हुई। 

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बाबा के सरदारी पूजा में लगता है 55 मिनट का समय, इसके बाद ही मिलता है भक्तों को प्रवेश 
सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार बाबा की सरदारी पूजा के बाद आम भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। वैसे बाबा की सरदारी पूजा तो हर दिन होती है, हर दिन का समय भी फिक्स होता है। इसमें 55 मिनट ही लगता है। बाबा के पट खुलने का समय भी पहले से निश्चित रहता है। पट भी बाबा के खास पुजारी द्वारा खोला जाता है। रात में दो बजे से ही पूजा के लिए बाबा की सामग्री की व्यवस्था कर ली जाती है। चांदी की बड़ी थाल में सभी सामग्रियों को सजाकर रखा जाता है और फिर एक एक सामग्री बाबा को अर्पित किया जाता है। बाबा बैद्यनाथ की सरदारी पूजा काफी खास होती है। सरदारी पूजा के बाद ही आम भक्तों की उपासना के लिए बाबा से अनुमति मांगी जाती है। इसके बाद श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति होती है।

अप्रत्याशित भीड़ के कारण बंद की दी गई है स्पर्श पूजा, अर्घ्य से जलाभिषेक की व्यवस्था
सावन में देवघर के बाबा मंदिर में भक्तों की अप्रत्याशित भीड़ जुटती है। इसको देखते हुए मंदिर समिति द्वारा पूरे माह बाबा के स्पर्श पूजा पर रोक लगा दी गई है। बाबा के गर्भ गृह में आम भक्तों के प्रवेश को रोक दिया गया है। बाबा के गर्भ गृह के बाहर अर्घ्य की व्यवस्था की गई है, जहां भक्त अपना जल अर्पित कर रहे हैं जो बाबा को चढ़ रहा है। बाबा के दर्शन के लिए प्रागंण में बड़ी बड़ी एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है। सावन के पहले दिन भक्तों की भारी भीड़ रही। सुबह 3 बजे से ही भक्तों की लंबी लाइन लग गई थी। भक्तों में काफी उत्साह दिखा और सुबह 3 बजे से ही बोल बम के नारों से मंदिर प्रांगण गूंजता रहा।

ऐसी है मंदिर की व्यवस्था
वैसे लोग जो बाबा मंदिर में लाइन लगाने की जगह उनके शीघ्र दर्शन की कामना करते हैं, उनके लिए अलग व्यवस्था की गई है। 500 रुपए देकर श्रद्धालु मंदिर में बाबा का शीघ्र दर्शन कर सकते हैं। रविवार और सोमवार को शीघ्र दर्शनम सेवा बंद रहेगी। बाबा की पूजा के लिए 12 किमी दूर से लाईन लगने लगेगी। 100 मीटर दूर मंदिर के प्रांगण में अरघा लगाया गया है। उसी अरघार से शिवभक्त बाबा को जल अर्पित कर सकते हैं। सुरक्षा और श्रद्धालुओं को परेशानी से बचाने के लिए मंदिर और आसपास 500 से अधीक सीसीटीवी कैमरे लगाई गई है। वहीं मंदिर में एलईडी स्क्रीन भी लगाया है, जिससे बाबा के दर्शन होते रहेंगे।

सावन आते ही सुहावना हुआ पूरे राज्य का मौसम
जमशेदपुर सहित पूरे राज्य में सावन के पहले दिन ही मौसम सुहाना हो गया है। सुबह से रूक रूक कर बारिश हो रही है। बारिश के बीच सभी भोले भक्त शिव की उपासना में जुटे हैं। पूरे राज्य के शिवालायों में भक्तों की भीडु जुटने लगी है। लोग सुबह से ही बाबा मंदिर पहुंच कर अपने अराध्य भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं।
 

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