मैं पॉजिटिव क्या हुआ, मेरा तो पूरा मोहल्ला ही निगेटिव हो गया..लोग मुंह फेर लेते हैं

कोरोना संक्रमण ने लोगों के रिश्तों पर भी बुरा असर डाला है। यह कहानी धनबाद के रहने वाले एक ऐसे शख्स की है, जो कोरोना से ठीक होकर घर तो आ गया, लेकिन उससे अब पड़ोसी सीधे मुंह बात नहीं करते। दूधवाला दूध नहीं देता, किराना वाला सामान देने से मना कर देता है। ऐसी स्थितियां कई जगह सामने आई हैं। रेलकर्मी इस शख्स का कहना है कि उसके अकेले पॉजिटिव होने के बाद लोगों ने पूरे घर का जैसे सामाजिक वहिष्कार कर दिया है।

Asianet News Hindi | Published : May 19, 2020 6:32 AM IST / Updated: May 19 2020, 12:31 PM IST

धनबाद, झारखंड. कोरोना संक्रमण को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन यह रिश्तों में भी दूरियां पैदा करने लगा है। यह कहानी धनबाद के रहने वाले एक ऐसे शख्स की है, जो कोरोना से ठीक होकर घर तो आ गया, लेकिन उससे अब पड़ोसी सीधे मुंह बात नहीं करते। दूधवाला दूध नहीं देता, किराना वाला सामान देने से मना कर देता है। ऐसी स्थितियां कई जगह सामने आई हैं।


लोगों के तिरस्कार ने दु:खी किया
यह हैं डीएस कॉलोनी में रहने वाले एक रेलकर्मी। उन्हें कोरोना हुआ था। हालांकि अब वे ठीक होकर घर आ चुके हैं, लेकिन मोहल्लेवालों का बर्ताव अलग हो गया है। एक तरह से लोगों ने उनके परिवार का सामाजिक वहिष्कार कर दिया है। वे बताते हैं कि अभी उनकी पत्नी मायके में बिहार गई है। बच्चे भी उसके साथ हैं। यहां वो अकेला है। लेकिन किसी ने उसके कोरोना संक्रमण की खबर इस तरह वायरल कर दी कि यहां वो और वहां उसकी पत्नी-बच्चे लोगों का तिरस्कार झेल रहे हैं।

शख्स का कहना है कि अगर वो अपने घर के बाहर भी खड़ा हो जाए, तो पड़ोसी मुंह फेरकर निकल जाते हैं। रेलकमी बताता है कि जब वो अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आया था, तो स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य अधिकारियों ने उसका फूलों से स्वागत किया था। लेकिन अब मोहल्ले का नजारा बदला हुआ है।

फोन तक नहीं लगाते दोस्त..
शख्स का कहना है कि दोस्त फोन तक करने से कतराने लगे हैं। दूध वाला दूध देने से मना करने लगा है। किरानावाला सामान नहीं देता। इस बारे में उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि लोगों से इस तरह का बर्ताव ठीक नहीं है। वे भी समाज का हिस्सा हैं।

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