अनूठा प्रेम साथ जिए साथ मरे: पत्नी की मौत के बाद पति की भी थम गईं सांसे, एक चिता पर हुआ अंतिम संस्कार

मार्मिक घटना  पलामू जिले के मेदिनीनगर शहर के ​​​छतरपुर थाना क्षेत्र में घटी। जहां पत्नी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके पति की भी जान चली गई। जब सोमवार को दोनों की एक साथ अर्थी निकली तो हर कोई उनके प्यार और बलिदान की चर्चा कर रहा था। दंपति के परिजनों ने एक साथ दोनों का अंतिम संस्कार भी किया।

Asianet News Hindi | Published : Apr 26, 2021 12:26 PM IST

रांची (झारखंड). पति-पत्नी का रिश्ता सबसे अनमोल होता है। दोनों अग्नि के सामने शादी के 7 फेरे लेकर साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं। आपने साथ जीते तो बहुत से दंपत्ति को देखा होगा। लेकिन मरे भी साथ-साथ ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। झारखंड के पलामू से एक ऐसी ही दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है, जहां पति-पत्नी एक साथ दुनिया को अलविदा कह गए।

हर कोई उनके प्यार और बलिदान की कर रहा चर्चा
दरअसल, मार्मिक घटना  पलामू जिले के मेदिनीनगर शहर के ​​​छतरपुर थाना क्षेत्र में घटी। जहां पत्नी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके पति की भी जान चली गई। जब सोमवार को दोनों की एक साथ अर्थी निकली तो हर कोई उनके प्यार और बलिदान की चर्चा कर रहा था। दंपति के परिजनों ने एक साथ दोनों का अंतिम संस्कार भी किया।

पत्नी की अर्थी उठने से पहले पति की मौत
बता दें कि ​​​​​​​मेदिनीनगर के कपड़ा कारोबारी विश्वनाथ गुप्ता की पत्नी लीलावती देवी (62) पिछले दिनों से बीमर चल रही थीं। लेकिन सोमवार सुबह उनकी मौत हो गई। परिवार में मातम छा गया, सभी लोग बिलखते हुए अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे। लेकिन महिला की मौत का सबसे बड़ा सदमा उनके पति को लगा था।  परिवार के लोग अर्थी उठाने ही वाले थे कि खबर आ गई थोड़ा रुक जाओ विश्वनाथ चाचा की तबीयत बिगड़ गई है। लोगों ने किसी तरह अस्पताल तक लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

एक-दूसरे के बिना नहीं खाते थे खाना
विश्वनाथ गुप्ता का कारण डॉक्टरों ने हार्ट अटैक बताया। जो कि पत्नी के सदमे के चलते आया था। पति-पत्नी की इस तरह मौत के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। बता दें कि दंपति के चार बेटे और तीन बेटी हैं। परिजनों ने बताया कि दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। वह अक्सर साथ ही खाना खाते थे। चाहे फिर एक को घंटों इंतजार ही क्यों ना करना पड़े। छतरपुर के मन्देया नदी तट पर दंपती का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया।
 

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