
गिरिडीह (झारखंड). शादी और कई बड़े प्रोग्राम में खाने के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं। लेकिन किसी-किसी को दो वक्त की रोटी तक नहीं नसीब होती हैं। ऐसा ही एक इमोशनल कर देने वाली खबर सामने आई है। जहां एक परिवार में दो दिन तक घर में नहीं चूल्हा जला और एक महिला की भूख से जान चली गई।
पेट भरने के लिए घर में नहीं था कोई भी अनाज
दरअसल, यह दुखद घटना मंगलवार सुबह झारखंड के गिरिडीह जिला के एक गांव से सामने आई है। जहां मृतक महिला के पति रामेश्वर तुरी ने बताया कि उसके घर में 2 दिन से खाने के लिए किसी तरह का कोई अनाज नहीं था। जिसके चलते मेरी पत्नी सावित्री भूखी ही मर गई। अब तो आलम यह है कि मेरे घर में चूल्हा तक नहीं जल रहा।
पति ने बताया ये हैं मेरी पत्नी की मौत के जम्मेदार
इस सबके पीछे अगर कोई जिम्मेदार है तो वह हैं सराकरी कर्मचारी। युवक ने कहा- मैने एक साल पहले प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के पास अपने परिवार का राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन वो अब तक नहीं बन पाया। आखिर में अंजाम यह हुआ कि मेरी पत्नी की मौत ही हो गई।
बीएसओ महिला की मौत पर दी सफाई...
वहीं इस घटना पर बीएसओ राजीव रंजन ने सफाई देते हुए कहा कि, हां ये सच है कि उनको कई राशन कार्ड नहीं था। लेकिन उसके बाद भी क्षेत्र का डीलर उनको हर महीने राशन देता था। मैं नहीं मानता महिला की मौत भूख से हुई है। हम जांच करते हैं उनका अभी तक राशन कार्ड क्यों नहीं बना
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