झारखंड में सक्रिय है मानव तस्कर, भोले भाले लोगों को बनाते है शिकार, रोकने के लिए सरकार लगातार चला रही मुहिम

झारखंड में मानव तस्करी की आए दिन कई घटनाए हो रही है। जिनमें अधिकतर मामले दिल्ली से जुड़े होते है।  मानव तस्करी की शिकार झारखंड की 7 युवतियों को बचाकर दिल्ली से रांची लाई टीम। गरीब और भोले भाले लोग इनके शिकार बनते है।

गुमला. झारखंड राज्य के लिए मानव तस्करी एक विकट समस्या है। सक्रिय दलाल गांव के भोले-भाले लोगों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। अच्छी जिंदगी और पैसे का प्रलोभन देकर दूसरे राज्यों में ले जाकर उन्हें बेच दिया जाता है। हालांकि दलालों के चंगुल में युवतियों को भेजने में उनके माता पिता का भी अहम रोल होता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि ये अपने माता-पिता और अपने रिश्तेदारों के सहमति से ही दलालों के चंगुल में आ जाती है। प्रदेश के गुमला और लोहरदगा की रहने वाली सात युवतियों को झारखंड सरकार ने दिल्ली से छुड़या। इनमें गुमला की पांच और लोहरदगा की 2 युवतियां शामिल हैं। ये युवतियां मानव तस्करी का शिकार हो दिल्ली चली गई थी। बता दें कि मानव तस्करी के शिकार हुए युवक-युवतियों को मुक्त कराने को लेकर झारखंड सरकार लगातार मुहिम चला रही है, और उन्हें मुक्त कराकर अब उनके घरों तक पहुंचाने का काम कर रही है।

महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों का सभी जिलों को सख्त निर्देश
मानव तस्करों के खिलाफ रेस्क्यू को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना निदेशक ने सभी जिला को सख्त निर्देश दिया है। विभाग ने कहा- जिस जिले के युवा-युवतियों या बच्चों को रेस्क्यू किया जाए उन्हें उनके घरों तक पहुंचाया जाए। गुमला जिले के संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखरेख और महिला कॉन्स्टेबल द्वारा दिल्ली में रेस्क्यू के दौरान 7 युवतियों को दिल्ली से स्कॉट किया गया। उन सभी को दिल्ली से रांची वापस लाया गया, अब इन सभी को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा। ताकि यह सभी फिर से मानव तस्करी का शिकार न बनने पाएं। 

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राज्य में मानव तस्करी के अधिकतर मामले दिल्ली से जुड़े
राज्य में मानव तस्करी की खबरें हमेशा सामने आती रहती है, अधिकतर ये मामले दिल्ली से जुड़ी होती है अब इसे लेकर राज्य सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग काफी संवेदनशील है और इस पर लगातार त्वरित कार्यवाही कर रही है। सरकार मानव तस्करी के खिलाफ दिल्ली में एकीकृत पुनर्वास सह -संसाधन केंद्र चला रही है जिसके तहत नोडल ऑफिसर नचिकेता द्वारा झारखंड के युवतियों, बच्चे-बच्चियों को मानव तस्करी के शिकार से बचाकर उन्हें उनके जिले में पुनर्वास करने का काम किया जा रहा है। 

प्रलोभन देकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बनाते हैं शिकार
जानकारी के अनुसार कुछ दलाल लोगा भोले-भाले ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रलोभन देकर अपना शिकार बनाते हैं। दिल्ली में इन सभी युवतियों को दलालों के माध्यम से लाया गया था। राज्य में ऐसे दलाल बहुत ज्यादा सक्रिय है जों लोगों को बहला-फुसला कर छोट्टे बच्चों और नबालिंगों को अच्छी जिंदगी और पैसे का लालच देकर दिल्ली लाते है। और उन्हें घरों में काम करने के बहाने बेच देते है। जिससे दलाल को तो मोटी रकम मिल जाती है लेकिन इनकी जिंदगी नरक सी बन जाती है। 

तस्करी से मुक्त लोगों की होगी निगरानी
समाज कल्याण महिला बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार झारखंड भेजे जा रहे युवतियों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं स्पॉन्सरशिप, फॉस्टरकेयर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय से जोड़ते हुए उनकी ग्राम बाल संरक्षण समिति के माध्यम से सतत निगरानी की जाएगी। ताकि इन्हें फिर से मानव तस्करी के शिकार होने से बचाया जा सकें और झारखण्ड राज्य में मानव तस्करी रोकी जा सकें।
 

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