हजारीबाग में ऐसा क्या हुआ कि 10 दिन बाद मनाया गया रक्षाबंधन, क्यों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बंधवाई राखी

झारखंड के हजारीबाग में 10 अगस्त की रात धर्म परिवर्तन का दबाव बनाकर बच्ची के साथ मारपीट का था मामला। उठक-बैठक कराया, वीडियो वायरल होने के बाद कल यानि 21 अगस्त के दिन विधायक अंबा प्रसाद ने युवती से मिलकर मुस्लिम समुदाय के लोगों से राखी बंधवाई।

हजारीबाग (झारखंड).  झारखंड के हजारीबाग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हुआ। इसमें बारिश के बीच एक बच्ची को कुछ लोग उठक-बैठक करवाते और डांटते-पीटते नजर आ रहे हैं। लोगों ने इस वीडियो को अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया। जांच के बाद पता चला कि वीडियो हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड के सिरमा गांव का है। दरअसल, 10 अगस्त की रात को कुछ असमाजिक तत्वों ने एक बच्ची को घर से निकालकर उठक-बैठक कराया। बच्ची पर आरोप लगाया गया कि उसने झंडा उतारने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसलिए दबंगों ने बारिश के बीच उसे घर से निकालकर मारा-पीटा और उठक-बैठक कराई। वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कुछ आरोपी अब भी फरार है। पुलिस उनकी खोज में लगी हुई है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा।

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घटना के 10 दिन बाद पीड़ित लड़की से मिलने पहुंची विधायक
घटना के 10 दिन बाद यानि 21 अगस्त के दिन क्षेत्र की विधायक अंबा प्रसाद बच्ची की गांव पहुंची और उसके परिवार वालों से मुलाकात की। इसके बाद विधायक ने बस्ती के मुस्लिम समुदाय के लोगों को युवती से राखी बंधवाई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राखी बंधवाने के बाद बच्ची को सुरक्षा का भरोसा दिलाया।  बता दें कि आरोपियों की गिरफ्तारी में पूरा गांव मिलकर प्रशासन का सहयोग कर रहा है। अंबा प्रसाद ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद से ही मेरी इस घटना पर नजर है। 

गांव का माहौल खराब करने की कोशिश : पीड़िता की मां
पीड़िता की मां ने बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद से कहा कि कुछ लोग गांव का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। दूर-दूर से कई संगठनों के लोग आकर इस विवाद को सांप्रदायिकता का रंग देने की कोशिश में लगे हुए हैं। जिन लोगों ने मेरी बेटी को प्रताड़ित कर इस तरह का कृत्य किया है उनको जल्द से जल्द सजा मिले। इसमें किसी धर्म विशेष अथवा समाज का कोई दोष नहीं है। 

यह है पूरा मामला
पीड़िता सुमन कुमारी की मां किरण देवी के अनुसार उनकी बेटी को 10 अगस्त की रात घर से निकाल कर उसे उठक-बैठक कराया गया। मुखिया के पुत्र समेत दर्जनों लोग रात 8.30 बजे घर पहुंचे और गंदी-गंदी गाली देने लगे। दोनों बेटियों को जबरन घर से खींच कर बाहर ले गए। उसके बाद वहां धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। साथ ही साथ धर्म नहीं अपनाने पर जान से मारने की धमकी दी गई। वीडियो वायरल का बहाना बनाकर मेरे दोनों बेटियों को उठक- बैठक कराया गया तथा अभद्र व्यवहार किया गया। पीड़िता की मां ने अगली सुबह में सदर मोहम्मद हलील, सेक्रेटरी प्रोफेसर फजरूद्दीन और पंचायत समिति सदस्य शबनम परवीन के पति मोहम्मद इरफान के साथ-साथ अन्य सामाजिक लोगों के पास इसकी शिकायत की। इसकी सूचना पाकर रात में आए लोगों ने पुनः दोनों बेटियों को बुलाकर मारपीट की।

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