झारखंड में इनकम टैक्स की बड़ी कार्रवाईः कोयला काराबोरी की काली कमाई को गिनने के लिए मंगानी पड़ी मशीन

झारखंड के हजारीबाग में एक कोयला व्यापारी के यहां मंगलवार, 16 अगस्त की सुबह इनकम टैक्स की रैड पड़ी है। व्यापारी के यहां इतनी काली कमाई मिली कि नोट गिनने की मशीन बुलाना पड़ गई। व्यापारी का कई राज्यों में फैला है बिजनेस।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 16, 2022 9:17 AM IST / Updated: Aug 16 2022, 05:36 PM IST

हजारीबाग (झारखंड). झारखंड में ईडी के बाद अब इंकम टैक्स की टीम ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार सुबह हजारीबाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की। जिले के सदर थाना क्षेत्र के कारोबारी राजेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ इंदर गुप्ता के यहां इंकम टैक्स की टीम ने रेड किया। बताया जा रहा है कि टीम सुबह-सुबह 5 बजे ही राजेंद्र गुप्ता के घर पहुंच गई और छह बजे से कार्रवाई में जुट गई। 

कई राज्यों में फैला है, बिजनेस
जानकारी के अनुसार राजेन्द्र कुमार गुप्ता हजारीबाग के बड़े व्यवसायियों में से एक हैं। राजेंद्र गुप्ता कोयला का व्यवसाय करते है साथ ही हजारीबाग में एक बड़ा मॉल भी है। राजेंद्र का दूसरे राज्यों में भी व्यवसाय चलता है। फिलहाल इंकम टैक्स के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि हमें कार्रवाई करने दें। कार्रवाई खत्म होने के बाद पूरी जानकारी दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक राजेंद्र के घर से बड़ी राशि मिल सकती है। टीम के द्वारा नोट गिनने के मशीन मंगाने की भी सूचना है। 

अवैध व्यपार का केंद्र बनता जा रहा हजारीबाग
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का मुख्यालय हजारीबाग कोयले के अवैध व्यापार का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है। प्रत्येक दिन अवैध कोयला मंडियों तक पहुंच रहा है और करोड़ों के राजस्व का नुकसान सरकार को हो रहा है। अवैध कोयले के इस धंधे में शहर के कई सफेदपोश और सरकारी मिशनरियों का हाथ भी शामिल है। बीते दिनो उपायुक्त द्वारा हजारीबाग में इलीगल माइनिंग ना हो इसको लेकर माइनिंग टास्क फोर्स की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें माइनिंग विभाग से जुड़े पदाधिकारी को अपने अपने क्षेत्रों में विशेष रूप से नजर रखने और छापेमारी करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावे भविष्य में संयुक्त टीम बनाकर सघन अभियान चलाने की भी बात कही गई। 

कोयले के अवैध कारोबार से राजस्व को नुकारन
बता दें कि कोयले के अवैध व्यपार से जहां एक ओर सरकार को राजस्व का नुकसान होता है तो वहीं इसमें लिप्त लोगों को मोटी कमाई करने का मौका मिल जाता है। ऐसे में प्रशासन समय-समय पर कड़ी कार्रवाई करने का दावा तो करती है लेकिन उनका यह दावा फेल साबित हो रहा है।

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