सत्तारूढ़ झामुमो के विधायक ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि हेमंत सोरन सरकार को गिराने का प्रयास किया गया है। उन्होंने अपनी ही पार्टी के दो पूर्व नेताओं पर यह आरोप लगाया है। इस आरोप से सूबे की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
रांची : झारखंड (Jharkhand) के राजनीतिक गलियारों में इस वक्त हलचल बढ़ गई है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए दावा किया है कि सूबे की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Government) को गिराने के प्रयास के तहत उन्हें प्रलोभन दिया गया है। घाटशिला से झामुमो विधायक रामदास सोरेन (Ramdas Soren) ने JMM के ही पूर्व कोषाध्यक्ष समेत पार्टी के ही एक अन्य पूर्व नेता पर यह सनसनीखेज आरोप लगाया है। विधायक रामदास सोरेन ने इसको लेकर धुर्वा थाने में केस भी दर्ज करयाा है। उनके इस सनसनीखेज आरोप से झारखंड की सियासत में एक बार फिर से भूचाल की स्थिति है।
क्या है आरोप
हेमंत सोरेन सरकार गिराने का आरोप इस बार सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के पुराने वफादार और लंबे समय तक पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे रवि केजरीवाल पर लगा है। रवि केजरीवाल पर आरोप है कि घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को हेमंत सरकार से बगावत कर पार्टी तोड़ने के लिए उकसाया। इसके लिए केजरीवाल पर विधायक रामदास सोरेन ने नई सरकार में मंत्री पद और पैसे का प्रलोभन देने का आरोप लगाया है। विधायक रामदास सोरेन का कहना है कि केजरीवाल के साथ उनका एक दोस्त अशोक अग्रवाल ने प्रलोभन उनके सरकारी रांची निवास पर आकर दिया था। उनका दावा है कि उन्हें बीजेपी (bjp) के साथ मिलकर सरकार बनाने का ऑफर दिया गया था।
इसे भी पढ़ें-CM केजरीवाल के डुप्लीकेट से मिलिए: सड़क पर लगाता चाट का ठेला, लेकिन पहचान मुख्यमंत्री सी..हर कोई दीवाना
कौन हैं रवि केजरीवाल
सरकार गिराने की साजिश जिस रवि केजरीवाल पर लगा है, उनका झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन से वर्षों का रिश्ता रहा है। उन्होंने पार्टी मे लंबे समय तक कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई है। रवि केजरीवाल हेमंत सोरेन की पहली 14 महीने की सरकार में सीएम के साथ साये की तरह रहते थे। सरकार में रवि केजरीवाल की तूती बोला करती थी, लेकिन 2019 में जब झामुमो ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाई तो केजरीवाल हासिए पर चले गए। यहां तक कि उनको पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया।
कुछ महीने पहले भी लगा था आरोप
कुछ महीनों पहले भी हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने की साजिश रचने का मामला सामने आया था। इससे झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया था। सत्तारूढ़ दल के साथ ही गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने विपक्षी पार्टी पर प्रदेश की सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। 22 जुलाई को इस मामले में झारखंड पुलिस ने रांची के एक होटल से 3 आरोपियों को पकड़ने का दावा किया था। पुलिस का आरोप था कि ये तीनों विधायकों की खरीद-फरोख्त की तैयारी में जुटे थे और प्रदेश सरकार को गिराने की साजिश रच रहे थे। बाद में कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
क्या खतरे में है सोरेन सरकार ?
81 विधानसभा सीटों वाली झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन की सरकार के पास खुद की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 सदस्य के साथ कांग्रेस (congress) के 18 और राजद (RJD) के एक विधायक का समर्थन है। वहीं, विपक्ष की बात करें तो मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी के पास कुल 26 विधायक हैं और सहयोगी आजसू के पास 2 विधायक हैं। ऐसे में सरकार बनाने के लिए विपक्ष को 13 विधायकों की जरूरत पडेगी। आंकड़ों को देखें तो यह फिलहाल नामुमकिन सा दिखता है।
झारखंड विधानसभा की स्थिति
पार्टी सीट
झामुमो - 30
कांग्रेस - 18
राजद - 01
बीजेपी - 26
आजसू - 02
CPI ML- 01
NCP - 01
निर्दलीय- 02
इसे भी पढ़ें-प्रियंका गांधी महिला ब्रिगेड के सहारे जीतेंगी यूपी? 40% टिकट महिलाओं को देने का ऐलान..बनाया ऐसा प्लान