गुस्से में गजराज: जब झुंड से बिछड़ा हाथी तो जमकर मचाया उत्पात, पटक-पटककर 5 लोगों को मार डाला

वन विभाग के मुताबिक, हाथी अपने झुंड से बिछड़ गया है। वह अकेला घूम रहा है। रास्ते में जो मिलता है, उस पर हमला कर दे रहा है। उसे खदेड़ने अलग-अलग टीम लगाई  गई है। जब तक हाथी अपने परिवार से नहीं मिल जाता तब तक सभी को सावधान रहने की जरूरत है।  

हजारीबाग : झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग (Hazaribagh)जिले में हाथियों के उत्पात से दहशत है। झुंड से बिछड़े हाथी ने 24 घंटे के अंदर ही अलग-अलग गांवों के तीन पुरुष और दो महिलाओं को कुचल कर मार डाला, जबकि दो लोगों को घायल कर दिया है। वहीं वन विभाग के कर्मचारी जंगल से सटे गांवों में लोगों से सावधान रहने की अपील कर रहे हैं।

24 घंटे में 5 बने शिकार
हाथी के कुचलने से जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें सदर प्रखंड के डेमोटण्ड बिरहोर टोला के महावीर बिरहोर शामिल हैं, जिन्हें 11 अक्टूबर की रात 7.30 बजे हाथी ने सूंड़ से पकड़कर पटक दिया और पैर से कुचल दिया। उनकी पत्नी सोमरी बिरहोरिन को सूंड़ से उठाकर फेंक दिया। वह जिंदगी और मौत से जूझ रही है। इसके बाद इसी रात को हाथी तूराओं गांव पहुंचा। रात करीब 9.30 बजे ग्रामीण राम प्रसाद अपने घर के निकट घूम रहा था। हाथी ने उसे भी पटककर पैर से कुचलकर मार डाला। इसी तरह कटकमदाग प्रखंड के सिरसी गांव में विशुन रविदास को हाथी ने मार डाला। इसी गांव में खेत की देखरेख कर रहे रेशम गांव के ग्रामीण को घायल कर दिया। 10 अक्टूबर की रात अडेरा पंचायत के कूबा गांव की महिला कृति कुजूर को हाथी ने मार डाला। इसी गांव के बगल गांव चीची की महिला सबुतरी देवी को कुचलकर मार दिया।

Latest Videos

इसे भी पढ़ें-बड़ी खतरनाक है घूंघट में दिखने वाली ये दुल्हन, 5 शादियां कर चुकी, एक पति की कल ही मौत..रहिए सावधान

दहशत में ग्रामीण
हाथियों के आतंक की चपेट में आए दिन कोई न कोई ग्रामीण आ रहा है। हालात ये हैं कि अब शहरी इलाकों में भी हाथी आने लगे हैं। एक हाथी अपने झुंड से बिछड़कर, शहर से 10 किलोमीटर दूर डेमोटांड़ बिरहोर टोला पहुंच गया। उसने वहां जमकर उत्पात मचाया और 5 लोगों की कुचलकर हत्या कर दी। घटना के बाद से ही इलाके में दहशत है। ग्रामीण घर से बाहर जाने में भी घबरा रहे हैं। वन विभाग का कहना है कि जब तक हाथी अपने परिवार से नहीं मिल जाता तब तक सभी को सावधान रहने की जरूरत है।  

मृतकों के परिजनों को मुआवजा
वहीं, मृतकों के परिवार को वन विभाग ने तत्काल 25 हजार रुपए दिए। हाथी के हमले से मारे गए मृतक के परिजनों को वन विभाग ने दाह संस्कार के लिए तत्काल 25 हजार रुपये मुआवजा दिया है। बाद में मृतक के परिजनों को 3.75 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। वन विभाग का कहना है कि हाथी को खदेड़ने में अलग-अलग टीम लगी हुई है।   

इसे भी पढ़ें-लड़की को 1640 किमी दूर बिन देखे लड़के से हुआ जीने-मरने वाला प्यार, शादी को दोनों तैयार, लेकिन..

जंगल कटने के बाद बढ़ा आतंक
जब झारखंड अलग राज्य बना तो यहां सड़कें और रेल की पटरियां बिछाने का काम तेजी से हुआ। इसके लिए बड़े-बड़े जंगल काट दिए गए। मानव आबादी एलीफैंट कॉरिडोर के बीच आने लगा। लिहाजा गुस्से में हाथी हमला करने लगे। जमशेदपुर के घाटशिला जो बंगाल का बॉर्डर है, वहां बंगाल सरकार ने गड्ढे खुदवा दिए हैं, जिससे हाथी का कॉरिडोर बाधित हुआ और गुस्सा किसानों के खेत और लोगों पर निकलना शुरू हुआ। दलमा से बंगाल के फ्री पैसेज में रुकावट आई, जिससे हाथियों में नाराजगी है।

हाथियों से मौत के आंकड़े
देश में एक आंकड़े के मुताबिक, पिछले सात सालों की बात करें तो 3310 लोगों की मौत हाथियों के हमले में हुई है। इनमें सबसे ज्यादा मौत ओडिशा में दर्ज है। उसके बाद बंगाल, असम, छत्तीसगढ़ और झारखंड में मौतें हुईं। अब तक ओडिशा में 589 और झारखंड में 480 मौतें हो चुकी हैं। दुमका से लेकर कोल्हान और छोटानागपुर से लेकर पलामू तक हाथियों का आतंक है।

इसे भी पढ़ें-गजब कर दिए लालू के लाल: ढ़ाई KM नंगे पैर भी नहीं चल सके तेजप्रताप, समर्थक सड़क पर उड़ेलते रहे मिनरल वाटर

 

Share this article
click me!

Latest Videos

कुवैत में भारतीय कामगारों से मिले पीएम मोदी, साथ किया नाश्ता, देखें Photos । PM Modi Kuwait Visit
जयपुर हादसे में सबसे बड़ा खुलासा: सच हिलाकर रख देगा, पुलिस भी हो गई शॉक्ड
चुनाव से पहले केजरीवाल ने खेला दलित कार्ड, लॉन्च की अंबेडकर स्कॉलरशिप योजना
तो क्या खत्म हुआ एकनाथ शिंदे का युग? फडणवीस सरकार में कैसे घटा पूर्व CM का कद? । Eknath Shinde
कुवैत के लिए रवाना हुए मोदी, 43 साल के बाद पहली बार यहां जा रहे भारतीय PM