झारखंड में नक्सली जिन दो अपने साथियों की मांग कर रहे हैं, इनमें एक नक्सली है प्रशांत बोस और दूसरी उसकी पत्नी शीला मरांडी है। प्रशांत बोस उर्फ किशन को नक्सलियों में बूढ़ा नाम से जाना जाता है। जिस पकड़ने के लिए पुलिस ने उस पर करीब एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। बताया जाता है कि बूढ़ा अब तक 100 से ज्यादा नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड है।
गिरिडीह. झारखंड में इन दिनों नक्सलियों ने आतंक मचाकर रखा हुआ है। कभी रेलवे ट्रेक को बम ब्लास्ट से उड़ा रहे हैं तो कभी ट्रेनों की आवाजाही रोक रहे हैं। आए दिन वह कोरोंड़ों रुपए की संपत्ति को मिट्टी में मिलाने में लगे हुए हं। इनके बढ़ते उत्पात के चलते रेलवे को अपनी कई ट्रेनों का रुट डायर्बट करना पड़ा है। बताया जा रहा है कि नक्सली यह सब इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह झारखंड सरकार से दो नक्सलियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक इनको छोड़ा नहीं जाएगा, वह इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहेंगे।
100 से ज्यादा हमले कर चुका है ये नक्सली
दरअसल, नक्सली जिन दो अपने साथियों की मांग कर रहे हैं, इनमें एक नक्सली है प्रशांत बोस और दूसरी उसकी पत्नी शीला मरांडी है। प्रशांत बोस उर्फ किशन को नक्सलियों में बूढ़ा नाम से जाना जाता है। जिस पकड़ने के लिए पुलिस ने उस पर करीब एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। बताया जाता है कि बूढ़ा अब तक 100 से ज्यादा नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड है। वह सैंकड़ों बेगुनाह लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। उसकी पत्नी पर भी कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिसने अपने पति के साथ मिलकर कई हमलों को अंजाम दिया है।
पिछले साल पति-पत्नी को किया था गिरफ्तार
झारखंड पुलिस ने दोनों पति-पत्नी को पिछले साल नवंबर माह में गिरफ्तार किया था। जिस वक्त प्रशांत बोस अपनी पत्नी शीला का इलाज कराने ले जा रहा था, तब पुलिस को इस बात की भनक लगी और दोनों को हिरासत में ले लिया। हालांकि नक्सली ने उस वक्त पुलिस से कहा था कि आप हमको पकड़कर बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। इसका अंजाम आप लोगों को भगुतना पड़ेगा। हो सकता है कि जो पिछले दिनों राज्य में नक्सली घटनाएं हो रही हैं, उनके पीछे इनके ही साथियों का हाथ हो।
1960 के दशक में नक्सली बना था प्रशांत...
बता दें नक्सली प्रशांत बोस मूल रुप से पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के जादवपुर का रहने वाला है। प्रशांत वह 1960 के दशक में नक्सली मूवमेंट से जुड़ा है। वो माओवादियों के पोलित ब्यूरो का सदस्य है। साथ ही वो 2004 से भाकपा (माओवादी) की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का सदस्य भी रह चुका है। जबकि उसकी पत्नी झारखंड के ही गिरिडीह के टुंडी नावाटांड़ की रहने वाली है। जो की पहले भी कई बार जेल जा चुकी है।