झारखंड CM और कांग्रेस प्रभारी के बीच बंद कमरे में आखिर ऐसी क्या हुई बातचीत, बाहर आते मुस्कुराते दिखे दोनों

झारखंड की राजनीति में पिछले तीन दिनों से उथल-पुथल मची है। चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में पड़ती दिख रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश के साथ बंद कमरे में गुपचुप बैठक की। जिसमें किसी को अंदर आने की अनुमति नहीं थी।
 

रांची. झारखंड में मचे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड  कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे राजधानी रांची स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में एक साथ बैठक की। इस दौरान दोनों के बीच मौजूदा राजनीति हालत के बारे में अहम चर्चा हुईं। दोनों के बीच हुई इस सीक्रेट मीटिंग में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।

पहली बार सीएम खुद कांग्रेस से मिलने पहुंचे
बीते कुछ दिनों से झारखंड के सत्ता पक्ष के राजनीतिक दलों के बीच बैठकों का दौर जारी है, लेकिन ऐसा पहली बार है जब राज्य के मुख्यमंत्री खुद चलकर कांग्रेस के प्रभारी अभिनाश पांडे से मिलने पहुंचे। इससे पहले कई बार दोनों के बीच मुलाकात हुई है, लेकिन हर बार कांग्रेस प्रभारी ही सीएम के पास आए थे। 

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बैठक में बनी गठबंधन के आगे को रणनीति
सीएम और कांग्रेस प्रभारी के बीच हुई इस सीक्रेट मीटिंग को दोनो पार्टियों के नेता औपचारिक मुलाकात बता रहे हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि बंद कमरे में केवल दो लोगों के बीच की मुलाकात औपचारिक नहीं होती। दोनों के बीच झारखंड में गठबंधन के आगे की रणनीति पर चर्चा हुई है। इसके अलावा सीएम के सदस्यता रद्द होने के बाद आगे क्या करना है इन बातों पर भी विचार विमर्श किया गया।

रविवार दोपहर में गेस्ट हाउस पहुंचे थे सीएम
गौरतलब है कि आज दोपहर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे। यहां, दोनों ही पार्टियों के कई नेता मौजूद थे लेकिन बैठक में केवल अविनाश पांडेय और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही मौजूद रहे। पार्टी प्रवक्ताओं ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया। 

मीटिंग में विपक्ष के हमले से निपटने पर चर्चा
जानकारी के अनुसार, बैठक में मीटिंग में ना केवल सीएम चेहरे के लिए विकल्पों पर भी विचार-विमर्श किया गया। दरअसल, मुख्यमंत्री की विधायकी जाने के पश्चात भी महागठंबधन सरकार को आंकड़ों के लिहाज से कोई खतरा नहीं है। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के पास 18 विधायक हैं। हालांकि, इनमें से 3 कैश कांड मामले में निलंबित हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 30 विधायक हैं। आरजेडी का 1 विधायक है वहीं भाकपा (माले) ने भी सरकार को समर्थन दिया हुआ है। मीटिंग में विपक्ष के हमलों से निपटने को लेकर भी चर्चा हुई होगी।

निर्वाचन आयोग के अधिसूचना का इंतजार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले में राज्यपाल ने अपने आदेश की कॉपी केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेज दी है। अब आयोग को इस विषय में अधिसूचना जारी करना है। खबरें हैं कि मुख्यमंत्री की विधायकी रद्द की जा चुकी है। ऐसे में यूपीए महागठबंधन के बीच भविष्य की रणनीति पर लगातार चर्चा जारी है। शनिवार को भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यूपीए विधायकों के साथ खूंटी स्थित लतरातू डैम गये थे। कहने को तो ये पिकनिक था लेकिन असल में इसके जरिए यूपीए ने एकजुटता प्रदर्शित करने का प्रयास किया था।

इसे भी पढ़ें-  झारखंड में बढ़ा सियासी सस्पेंस: अब तक नहीं जारी हुई नोटिफिकेशन, सीएम हेमंत सोरेन दे सकते हैं इस्तीफा

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