झारखंड में राज्यसभा चुनाव से पहले पांच विधायक आए साथ, तीसरा मोर्चा बनाया, इन नेता की बढ़ सकती है टेंशन

झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के गठन का ऐलान निर्दलीय और कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने एक मंच पर किया। झारखंड विधानसभा में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की गई। तीसरे मोर्चे में आजसू पार्टी, एनसीपी और निर्दलीय विधायक शामिल हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2022 10:10 AM IST

रांची : झारखंड (Jharkhand) में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। राज्य में शुक्रवार को पांच विधायकों ने मिलकर तीसरे मोर्चे का गठन कर दिया है। इसका नाम झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा (Jharkhand Democratic Front) रखा गया है। इस मोर्चे को G-5 नाम दिया गया है। सभी विधायकों ने मिलकर आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो (Sudesh Mahto) को विधायक दल का नेता चुना गया है। जिन विधायकों ने तीसरे मोर्चे को बनाया है उनमें विधायक सरयू राय, कमलेश सिंह, अमित यादव और लंबोदर महतो शामिल हैं। राज्य की राजनीति में इसे बड़े उलटफेर के रुप में देखा जा रहा है। 

तीसरे मोर्चे में कौन-कौन सी पार्टियां
झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के गठन का ऐलान निर्दलीय और कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने एक मंच पर किया। झारखंड विधानसभा में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी घोषणा की गई। तीसरे मोर्चे में आजसू पार्टी (AJSU Party), एनसीपी (NCP) और निर्दलीय विधायक शामिल हैं। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने घोषणा करते हुए कहा कि यह मोर्चा सदन के बाहर और भीतर संगठित रहेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है, जिसमें विधानसभा के भीतर जनहित और विकास के मुद्दों पर जिस गंभीरता से बातचीत होनी चाहिए, उसका अभाव दिखा है। इसलिए हमने तीसरे मोर्चा बनाना तय किया। हम विधानसभा अध्यक्ष से बात करेंगे और अपनी बातों को रखेंगे। हम चाहेंगे कि विधानसभा के अंदर हमें विधिवत मान्यता मिले।

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क्या होगा राजनीतिक असर

इस मोर्चे का राजनीतिक रुप से कितना असर होगा, इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस राजनीतिक मोर्चाबंदी से एक साथ कई लक्ष्य को साधने की तैयारी है। इसके तहत अगर एक साथ पांच विधायक रहेंगे तो सरकार पर दबाव बना सकेंगे। राज्यसभा के चुनाव में इनकी अहम भूमिका होगी। सरयू और सुदेश के एक साथ राजनीति में आने से राज्य में नए सियासी समीकरण बन सकते हैं। सरयू राय ने पिछले विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था। आने वाले दिनों में ऐसी संभावना व्यक्त की जा सकती है कि भाजपा रघुवर दास को राज्यसभा प्रत्याशी घोषित कर सकती है। उनकी राह में यह मोर्चा बड़ा रोड़ा बन सकता हैं। इन लोगों का साथ आना सरकार से ज्यादा विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) के लिए चिंता का बड़ा कारण बन सकती है।

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