कई मुद्दों पर हेमंत सरकार से कांग्रेस खफा है। जानकारी ये भी मिल रही है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं की बात भी JMM नहीं मान रहा है। इसकी वजह से UPA की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं होकर इस बात का विरोध दर्ज कराया।
रांची : क्या झारखंड की महागठबंधन सरकार में सब ठीक है? क्या सत्ताधारी दलों को बीच दरार आ गई है? ये सवाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( Hemant Soren)की तरफ से बुलाई गई एक अहम बैठक के बाद शुरू हुई, जिससे कांग्रेस (congress) ने दूरी बना ली है। गठबंधन सरकार के दो साल पूरे होने के चंद दिनों पहले ही सत्ताधारी दलों में खटराग की खबरें सामने आने से सियासी हलचल बढ़ गई हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री ने शीतकालीन सत्र को लेकर सत्ताधारी दलों के विधायकों को अपने आवास पर भोज के बहाने बुलाया था, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने एकमत होकर इस बैठक से किनारा कर लिया।
कई मुद्दों पर हेमंत सोरेन से नाराजगी
बताया जा रहा है कि कई मुद्दों पर हेमंत सरकार से कांग्रेस खफा है। जानकारी ये भी मिल रही है कि कांग्रेस के बड़े नेताओं की बात भी JMM नहीं मान रहा है। इसकी वजह से UPA की बैठक में कांग्रेस के विधायक शामिल नहीं होकर इस बात का विरोध दर्ज कराया। सबसे खास बात यह है कि एक तरफ सीएम के आवास पर बुलाई गई बैठक में झामुमो के अलावा राजद के मंत्री मौजूद थे लेकिन कांग्रेस ने दूरी बना रखी। इससे इतर कांग्रेस के तमाम विधायक मंत्री आलमगीर आलम के आवास पर बैठक कर रहे थे। यूपीए गठबंधन में अचानक पड़ी इस गांठ के बारे में कोई भी साफ-साफ कहने को तैयार नहीं है लेकिन इससे सियासी हलचल को जरूर बल मिल गया है।
कहीं दबाव की राजनीति तो नहीं
कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता लंबे समय तक एक ही तरह की मांग मुख्यमंत्री के सामने उठाते रहे हैं लेकिन हर बार उनकी अनदेखी हुई। जिसके बाद गुरुवार को हुई बैठक से पहले उनके सब्र का बांध टूट गया। गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री के आवास पर डिनर डिप्लोमेसी के तहत सत्ताधारी दलों की बैठक बुलाई गई थी जिसमें कांग्रेस विधायकों ने नहीं जाने का फैसला लिया। जाहिर है कांग्रेस दबाव की राजनीति भी कर रही है और मुख्यमंत्री समेत JMM को संदेश देना चाहती है कि सरकार में उसकी बातों को तवज्जो नही दिए जाने से वो खुश नहीं है। वहीं कहा जा रहा है कि अगर ये दूरी बढ़ी तो इसका सरकार की सेहत पर भी असर हो सकता है।
JMM और कांग्रेस का नाराजगी से इनकार
वहीं, नाराजगी की खबरें सामने आने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने कांग्रेस की नाराजगी जैसी खबरों से इनकार किया। उनका कहना है कि यूपीए एक है। नाराजगी जैसी बात नहीं है। वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुधवार को पूरी नहीं हो पाई थी, जिसे गुरुवार को जारी रखा गया। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है, लेकिन कुछ मुद्दों पर कांग्रेस को मुख्यमंत्री से बातचीत करनी है।
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