सार

हेमंत सरकार विधानसभा (Jharkhand Assembly Session) में ये एंटी-लिंचिंग बिल पेश करेगी, जिसमें कठोर से कठोर सजा देने का प्रावधान रखा गया है। झारखंड विधानसभा का आगामी सत्र 16 से 22 दिसंबर तक प्रस्तावित है। इस सत्र के दौरान यह विधेयक पेश किया जाएगा। इसे कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए प्रक्रिया के तहत विधेयक के मसौदे को स्‍वीकृति के लिए गृह विभाग के पास भेजा जाएगा।

रांची। झारखंड (Jharkhand) की हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Government) ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने की तैयारी कर ली है। प्रदेश सरकार ने मॉब लिंचिंग (Mob lynching) रोकथाम विधेयक 2021 का मसौदा तैयार किया है। झारखंड (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक 2021 (Jharkhand Prevention of Lynching Bill-2021) के मसौदे में किसी की मौत होती है तो दोषी को मृत्‍युदंड का प्रावधान किया गया है। यदि ये कानून विधानसभा से पास हो जाता है तो पश्चिम बंगाल के बाद झारखंड ऐसा दूसरा प्रदेश बन जाएगा, जहां मॉब लिंचिंग में मौत होने पर डेथ पेनाल्‍टी का प्रावधान होगा। ड्रॉफ्ट में कहा गया है कि झारखंड सरकार प्रदेश के लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए यह विधेयक लाने जा रही है। इस विधेयक में दोषियों के खिलाफ सजा के अन्‍य प्रावधान भी किए गए हैं।

हेमंत सरकार विधानसभा (Jharkhand Assembly Session) में ये एंटी-लिंचिंग बिल पेश करेगी, जिसमें कठोर से कठोर सजा देने का प्रावधान रखा गया है। झारखंड विधानसभा का आगामी सत्र 16 से 22 दिसंबर तक प्रस्तावित है। इस सत्र के दौरान यह विधेयक पेश किया जाएगा। इसे कानूनी अमलीजामा पहनाने के लिए प्रक्रिया के तहत विधेयक के मसौदे को स्‍वीकृति के लिए गृह विभाग के पास भेजा जाएगा। उसके बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा।

हेमंत सरकार आने के बाद 11 मॉब लिंचिंग की घटनाएं
बता दें कि झारखंड में मॉब लीचिंग एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के दौरान मॉब लिंचिंग के खिलाफ मुखर रहे वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद की सरकार में भी इसे रोक नहीं पा रहे हैं। उनके शासनकाल में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साधते रही है और अब हेमंत सोरेन सरकार ने इसके खिलाफ कानून बनाने का फैसला किया है। झारखंड में साल 2021 के मार्च में ही तीन मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुईं और सभी में पीटे जाने वाले लोगों की मौत हो गई। राज्य में हेमंत सोरेन सरकार आने के बाद से मॉब लिंचिंग के शिकार हुए लोगों में 11 आदिवासी, तीन मुसलमान और चार हिंदू हैं। ये सभी घटनाएं अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच हुई हैं।

इस कानून में सख्‍त प्रावधान
मॉब लिंचिंग रोकथाम विधेयक के मसौदे में दोषियों के लिए सजा के कई तरह के प्रावधान किए गए हैं। यदि लिंचिंग की घटना में किसी को चोट आती है तो इस मामले में दोषी पाए गए शख्‍स को 3 साल की जेल की सजा हो सकती है। इसके साथ ही 1 से 3 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जबकि गंभीर चोट आने की स्थिति में दोषी को 10 वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सजा दी सकती है। यदि इस तरह की घटना में किसी की मौत हो जाती है तो दोषी को उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा दी जा सकेगी। इसके अलावा, 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

झारखंड में मॉब लीचिंग की घटनाएं

  • 19 मार्च 2021 – गुमला: हत्या के आरोपी रामचंद्र उरांव को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।
  • 13 मार्च 2021– रांची: मोबारक खान को बाइक चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला।
  • 10 मार्च 2021– रांची: सचिन कुमार वर्मा को ट्रक चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार दिया।
  • 16 सितंबर 2020– सिमडेगा: राज सिंह, दीपक कुल्लू, इमानुएल टेटे, सुगाद डाग, सुलीन बारला, रोशन डांग, सेम किड़ो को गौकशी के आरोप में पीटा, उनका सर मुंडवाया और जय श्री राम के नारे लगवाए।
  • 2 जुलाई 2020– दुमका: गाय मांस बेचने के आरोप में छोटेलाल टुडू और मंडल मुर्मू को पीटा गया।
  • 2 जुलाई 2020– पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर): गाय का मांस खाने के आरोप में रमेश बेसरा की पिटाई की गई।
  • 23 जून 2020– गोड्डा: बकरी चोरी के आरोप में बबलू शाह और उचित्त कुमार यादव को भीड़ ने जमकर पीटा था, जिसमें बबलू शाह की मौत हो गई थी।
  • 11 मई 2020– दुमका: शुभान अंसारी को बकरी चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार दिया। दुलाल मियां जख्मी हो गए थे।
  • 18 अप्रैल 2020– रामगढ़: पेशाब कर रहे जाबिर अंसारी उर्फ राजू का नाम पूछकर पीटा गया।

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