झारखंड हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंचे लालू यादव, जमानत की मांग, बढ़ती उम्र और बीमारियों का दिया हवाला

आरजेडी सुप्रीमो के अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट से जमानत देने की गुहार लगाई गई है। चारा घोटाले के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए हफ्ते में सिर्फ एक दिन शुक्रवार तय किया गया है। लालू के वकीलों की कोशिश है कि पहली ही डेट पर इस केस की सुनवाई हो जाए ताकि उन्हें अगली तारीख का इंतजार न करना पड़े।

रांची : चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी केस में दोषी पाए गए RJD प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) झारखंड हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंच गए हैं। लालू यादव में CBI की विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। CBI कोर्ट ने 21 फरवरी को डोरंडा कोषागार अवैध निकासी मामले में उन्हें पांच साल की जेल और 60 लाख का जुर्माना लगाया है। उच्च न्यायालय में लगाई गई याचिका में लालू ने जमानत की भी मांग की है। उन्होंने सजा की आधी अवधि पूरी होने और बीमारियों की बात कही है।

शुक्रवार को होगी सुनवाई
आरजेडी सुप्रीमो के अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट से जमानत देने की गुहार लगाई गई है। चारा घोटाले के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए हफ्ते में सिर्फ एक दिन शुक्रवार तय किया गया है। लालू के वकीलों की कोशिश है कि पहली ही डेट पर इस केस की सुनवाई हो जाए ताकि उन्हें अगली तारीख का इंतजार न करना पड़े। कोशिश यह भी है कि होली से पहले लालू को बेल मिल जाए ताकि वे परिवार के साथ त्योहार मना सके। वहीं हाईकोर्ट में CBI के वकील जमानत का विरोध भी कर सकते हैं।

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क्या है वह मामला जिसमें लाल को हुई सजा 
950 करोड़ रुपए के देश के बहुचर्चित चारा घोटाले में सबसे बड़े डोरंडा ट्रेजरी से निकासी मामला है। इसमें 139.35 करोड़ रुपए का गबन किया गया था। 1990-92 के बीच चाईबासा ट्रेजरी से अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़ा करते हुए अवैध निकासी की थी। इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था। इस केस में 10 महिलाएं भी आरोपी है। मामले में चार राजनीतिज्ञ, दो वरीय अधिकारी, चार अधिकारी, लेखा कार्यालय के छह, 31 पशुपालन पदाधिकारी स्तर के और 53 आपूर्तिकर्ता आरोपी बनाए गए हैं। अब मामले में लालू यादव समेत 99 आरोपी हैं।

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15 साल, सैंकड़ों लोग बने गवाह 
डोरंडा कोषागार मामले में 575 गवाहों का बयान दर्ज कराने में CBI को 15 साल लग गए। 99 आरोपियों में 53 आरोपी आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि 33 आरोपी पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी हैं। वहीं, 6 आरोपी तत्कालीन कोषागार पदाधिकारी हैं, जबकि मामले के 6 आरोपी ऐसे हैं, जिन्हें CBI आज तक नहीं खोज सकी है। बता दें कि 90 के दशक का सबसे बड़े घोटाले में झारखंड (Jharkhand) में 53 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें यह 52वां केस है। इस मामले में 29 जनवरी को CBI के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद कोर्ट ने 15 फरवरी को फैसले की तारीख तय की थी। इसके बाद उनके वकील के अनुरोध पर उन्हें जेल न भेजकर RIMS में भेजा गया। लालू कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट से होटवार जेल गए फिर वहां से रिम्स चले गए। 21 फरवरी तक वह यहीं रहेंगे।  

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