झारखंड में जारी मानसून कमजोर पड़ गया है, प्रदेश में तीन दिन बाद जोरदार बारिश के साथ बिजली गिरने की भी आशंका। मौसम विभाग ने 10 जुलाई के बाद मौसम में बदलाव का अंदाजा लगाया है, जिसका असर सभी जिलों में दिखेगा।
रांची (ranchi). झारखंड के मौसम विज्ञान केंद्र रांची के मौसम वैज्ञानिक डॉ अभिषेक आनंद ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक्टिव चक्रवात अभी कमजोर पड़ गया है। साथ ही उसका रुख उत्तरी ओडिसा एवं छत्तीसगढ़ की ओर हो गया है। जिसके कारण झारखंड में वर्षा औसत हो रही है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति अभी प्रदेश में 9 जुलाई तक रहेगी। 10 जुलाई से कमजोर पड़ा मानसून एकबार फिर जोर पकड़ेगा। जिसके बाद राज्य में कहीं-कहीं भारी एवं अन्य क्षेत्रों में आंशिक एवं मध्यम दर्जे की वर्षा होती रहेगी। अब तक झारखंड में 141.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। हालांकि सामान्य वर्षा 246.2 मिलीमीटर रिकार्ड की गई है। बुधवार को सर्वाधिक 26.2 मिलीमीटर वर्षा सिमडेगा में रिकार्ड की गई।
पूरे कोल्हान में छिटपुट होती रहेगी वर्षा
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में सक्रीय चक्रवात के कमजोर पड़ने का असर कोल्हान में भी पड़ा है। यहां भी वर्षा रूक-रूककर हो रही है। ऐसी स्थिति 9 जुलाई तक रहेगी। कोल्हान में 10 जुलाई के बाद से मानसून एकबार फिर पूरी तरह सक्रिय होगा। जिसके बाद औसतन वर्षा देखने को मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि वर्षा के दौरान बिजली गिरने की पूरी संभावना है। इसलिए किसान एवं ग्रामीण उस दौरान पूरी सावधानी बरतें।
बारिश के मामले में सबसे अच्छी स्थिति पूर्वी सिंहभूम जिले की
राज्य के सभी जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है, जबकि सबसे अच्छी स्थिति पूर्वी सिंहभूम जिले की है, जहां सिर्फ सामान्य से 5 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं रांची में सामान्य से 38 प्रतिशत, धनबाद में 32 और दुमका में 34 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
राज्य में सामान्य से करीब 50 प्रतिशत कम बारिश
झारखंड में इस बार लगभग तय समय में ही मानसून का प्रवेश हुआ। लेकिन अब तक प्रदेश में औसत करीब 50 प्रतिशत तक कम बारिश हुई है। आगे अगर बारिश नहीं हुई तो राज्य के कई हिस्सों में सुखे की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं कम वर्षा होने से राज्य के किसान चिंतित है। सामान्य रूप से राज्य में जून के महिने में 181 मिमी बारिश होती है, लेकिनअस बार सिर्फ 90 मिली बारिश हुई है। इस तरह पूरे राज्य में औसत से 50 प्रतिशत कम बारिश का होना चिंता का विषय बना हुआ है।
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