
जमशेदपुर. कोरोना वायरस से मौजूदा समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो जिसे चिंता न सता रही हो। इस दौरान सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों के लिए है जो ड्यूटी पर तैनात है। उन्हें अपनी जान और परिवार की चिंता सता रही हैं। ऐसे में हमने आज ड्यूटी पर तैनात कुछ पुलिस पदाधिकारियों और जवानों से जानना चाहा तो उन्होंने कुछ ऐसा जवाब दिया।
घर लौटने पर पूरे घर को किया जाता है सैनिटाइज
जब हमने कदमा थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह से कोरोना को लेकर चिंता की बात की तो उन्होनें कहा, मैं रोजाना सुबह पूजा पाठ करने के बाद अपने घर से ड्यूटी पर निकलता हूं। घर से निकलते वक्त पत्नी करती हैं- सब लोगों से एक मीटर की दूरी बना कर ही ड्यूटी कीजिएगा। वहीं बेटी कहती है कि मैं पीएम को लिखूंगी कि पुलिसवालों को भी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होगा तो आप जब घर लौटते हैं तो आप घर पर कोरोना लेते आएंगे। राजीव ऐसे समय में काम को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहते हैं कि जब मैं रात में घर लौटता हूं तो पत्नी पूरी वर्दी को सैनिटाइज करती हैं। साथ ही दरवाजा की कुंड़ी, हैंडल आदी को भी सैनिटाइज करती है। ऐसे में हमेशा ये खतरा बना रहता है ।
घरवाले हमेशा फोन पर हालचाल पुछते रहते हैं
वहीं जब हमने परसुडीह थाना के सिपाही राजेश कुमार से बात कि तो वे कहते हैं कि करनडीह चौक पर पिछले 10 दिनों से ड्यूटी पर तैनात हूं। परिवार गया जिला के अलीपुर में रहता है। पूरा परिवार कोरोना से भयभीत है। हम तो परसुडीह थाना के बैरेक में रहते हैं। पत्नी मधु कुमारी रोज फोन पर दोहराती है कि मुंह में मास्क व हाथ में ग्लब्स लगाए रखीएगा । हाथ धोने के बाद ही मुंह को छुइएगा। वहीं बेटी साक्षी बोलती है कि पापा आप एक मीटर की दूरी बनाकर काम किया कीजिएगा। ऐसे समय में लोग घर से दिन में दो-तीन बार बात कर हालचाल पूछते रहते हैं।
जब तक अच्छी तरह से क्लीन नहीं हो जाता पत्नी बच्चे को गोद में नहीं उठाने देती
मानगो थाना के ट्रैफिक ASI महावीर मुर्मू बताते हैं कि मैं काम से जब वापस जाता हूं तो मेरे कपड़े अलग रख दिए जाते हैं। हाथ व वर्दी को सैनिटाइज किया जाता । जब तक मैं हाथ और पैर अच्छी तरह से न धो लू तब तक कुछ कुछ काम नहीं करने दिया जाता है। काम पर जाते वक्त भी पत्नी सुष्मा कहती हैं कि चेकिंग मास्क लगाकर ही कीजिएगा। कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर काम करना है। अच्छी तरह से क्लीन होने के बाद ही पत्नी तीन साल के बच्चे को गोद में उठाने देती है। मेरे काम से लौटने पर पत्नी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती है।
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