जिसके पिता को सजा सुनाकर रद्द की गई थी सदस्यता उसी की बेटी ने जीता उपचुनाव, रोचक थी मांडर विधानसभा की लड़ाई

यहां से भाजपा, कांग्रेस और एआईएमआईएम समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी देवकुमार धान के बीच रोचक मुकाबला है। कांग्रेस कैंडिडेट शिल्पी तिर्की, पूर्व विधायक बंधु तिर्की की बेटी हैं। 

Pawan Tiwari | Published : Jun 26, 2022 2:37 AM IST / Updated: Jun 27 2022, 07:25 AM IST

रांची. झारखंड की मांडर विधानसभा उपचुनाव (Mandar By-Election Result)  का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। इस सीट से कांग्रेस कैंडिडेट शिल्पी नेहा तिर्की को जीत मिली है। उन्होंने भाजपा कैंडिडेट गंगोत्री कुजुर को हराया। इस उपचुनाव में कुल 14 कैंडिडेट्स मैदान में थे। लेकिन माना जा रहा था कि यहां मुकाबला त्रिकोणीय होगा। एआईएमआईएम समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी देवकुमार धान के चुनाव में उतरने से मुकाबला रोचक हो गया था। इस सीट पर करीब 61.25 फीसदी वोटिंग हुई थी।
 
किसे कितने वोट मिले
कांग्रेस की शिल्पी ने बीजेपी उम्मीदवार गंगोत्री कुजूर को 23,517 हजार से वोट से चुनाव हराया। उन्हें 95,062 वोट मिले। बीजेपी कैंडिडेट को  71,545 वोट मिले। तीसरे स्थान पर AIMIM समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार देवकुमार धान को 22,395 वोट मिले। 

क्यों हुए उपचुनाव
इस सीट पर उपचुनाव कांग्रेस विधायक की सदस्यता खत्म होने के कारण हुए थे। दरअसल, कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की को आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई थी जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता को खत्म कर दिया गया था। इसके बाद अब यहां उपचुनाव हुए। कांग्रेस कैंडिडेट शिल्पी तिर्की, पूर्व विधायक बंधु तिर्की की बेटी हैं। 

कौन-कौन थे कैंडिडेट
इस सीट पर कुल 14 कैंडिडेट्स मैदान में थे लेकिन यहां मुकाबला रोचक था। पहले लड़ाई भाजपा और कांग्रेस कैंडिडेट के बीच थी लेकिन एआईएमआईएम समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। लेकिन काउंटिंग के निर्दलीय कैंडिडेट को उस तरह की सफलता नहीं मिली जिस तरह से उनके बारे में चर्चा की जा रही थी। वहीं, बीजेपी की कैंडिडेट ने हार के बाद EVM पर छेड़खानी का आरोप लगाया। 

पिता कांग्रेस में हुए थे शामिल 
2019 में झारखंड विकास मोर्चा के कैंडिडेट बंधु तिर् जीत के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें सजा सुनाए जाने के बाद कांग्रेस ने उनकी बेटी को टिकट दिया था। शिल्पी चुनाव के दौरान अपने पिता को फर्जी केस में फंसाने की बात कर रही थीं।

Share this article
click me!