झारखंड में समुदाय विशेष की दबंगई का मामलाः गांव से भगाए गए 50 दलित परिवार को बसाने गए पुलिस को भी खदेड़ा

 झारखंड के पलामू में समुदाय विशेष के द्वारा भगाए गए परिवारों को फिर से बसाने गए पुलिस पर भी हमला किया। कार्यवाही करते हुए पुलिस ने मुखिया समेत तीन को अरेस्ट कर लिया। वहीं 150 पर केस दर्ज किया गया है। मामला बुधवार 31 अगस्त के दिन का है।

पलामू (झारखंड). झारखंड के पलामू के अल्पसंख्यक बहुल मुरूमातु गांव से भगाए गए 50 महादलित परिवारों को बसाने गए पुलिस को दबंगों के विरोध का सामना करना पड़ा। मामला सामने आने के बाद पुलिस पदाधिकारी बेघर परिवारों को दोबारा गांव में बसाने के लिए गए थे। गांव में पहुंचते ही दबंगों ने सैंकड़ों महिलाओं को आगे कर महादलित परिवारों और पुलिस को खेदड़ दिया। एसडीपीओ राजेश कुमार उन्हें समझाते रहें, लेकिन वहां मौजूद सैंकड़ों महिलाएं महादलित परिवारों को बसाने का विरोध करती रही। अंत में पुलिस प्रशासन को वापस लौटना पड़ा। अब पुलिस ने मामले में मुखिया समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है। वहीं डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। 

राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई, डीसी से मांगी रिपोर्ट
राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड के पलामू जिले के पांडू थाना क्षेत्र में महादलित परिवार के लोगों पर जुल्म को गंभीरता से लिया है। पलामू के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद पुलिस प्रशासन रेस है। उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे आज पांडू का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मिलेंगे। इस मामले में स्थानीय मुखिया समेत डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। वहीं मुखिया समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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महादलितों ने खुले आसमान के नीचे गुजारी रात
मुरुमातू दलित टोला में करीब चार दशक से महादलित मुसहर जाति के लोग कच्चे मकान और झोपड़ी डालकर रहते आ रहे थे। भिक्षाटन से इनका जीवन-यापन चलता है। महादलितों का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हमला कर किया। घरों और झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद दो वाहनों पर उनके सामनों को लोड कर छतरपुर के लोटो गांव के पास जंगल में छोड़ दिया। शाम के समय महादलित पांडू थाना पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। ये सभी भूखे-प्यासे खुले आसमान के नीचे लोटो गांव के पास रात गुजारे।

एसडीएम ने दलित परिवार के लोगों को खिलाया खाना
एसडीएम राजेश साह और एसडीपीओ सुरजीत कुमार पांडू थाना पहुंचे। लोटो गांव से 50 की संख्या में पीड़ित महादलितों को बुलाया। पहले भोजन कराया गया। इसके बाद मुरुमातू में बसाने के लिए सबको लेकर गए। तंबू लगाने की कोशिश की गई तो बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने महिलाओं को आगे कर विरोध किया। इस विरोध के आगे पुलिस-प्रशासन लाचार दिखा। और वापस लौट गया।

मुस्लिम समुदाए के लोगों ने कहा- मदरसे की जमीन पर बसे हुए है महादलित परिवार
मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्होंने किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की। मदरसे की जमीन पर महादलित परिवार के लोग वर्षों से रहते आ रहे थे। सोमवार को दोनों पक्षों के बीच समझौता के बाद महादलितों को कुछ राशि का भुगतान किया गया। खाने के लिए चावल दिया गया। इसके बाद उन्हें सामान के साथ लोटो गांव के पास ले जाकर छोड़ दिया गया। वहीं महादलित समुदाय का कहना है कि पहले उन्हें घेरकर मुर्गा चावल का लालच दिया गया। उसके बाद बोला गया कि सभी को इस जगह को खाली करना है। जबरन सभी को 500-500 रुपये दिए गए और चावल दिया गया। इस दौरान महादलित समुदाय के लोगों से मारपीट की गयी। इस मारपीट में परिवार के बुजुर्ग और लड़कियां जख्मी हो गयी हैं। उनके सारे बर्तन को भी तोड़ दिया गया। जमीन सरकारी है। 30 साल पहले प्रशासन ने बसाया था।

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