झारखंड में सियासी उठा-पटक के बीच CM हेमंत सोरेन आज करेंगें कैबिनेट मीटिंग, चार मंत्री रायपुर से रांची लौटे

झारखंड में सियासी उठा पटक अभी भी जारी है महागठबंधन के दो और विधायक रायपुर पहुंचे है,वहीं सीएम द्वारा गुरुवार 1 सितंबर के दिन कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है। इसमें शामिल होने के लिए रायपुर रिसॉर्ट से रांची पहुंच चुके है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Sep 1, 2022 6:26 AM IST

रांची(झारखंड). झारखंड में सियासी उठा-पटक के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में राज्य कैबिनेट की बैठक आज शाम चार बजे होगी। बैठक की प्रशासनिक तौर पर सारी तैयारियां पुरी कर ली गई हैं। बताया जा रहा है कि सरकार अपनी चुनावी वादों को इस कैबिनेट मीटिंग के माध्यम से पूरा करेगी। इधर, कैबिनेट की बैठक के लिए रायपुर से कांग्रेस के चार मंत्री 31 अगस्त की देर शाम रांची पहुंचे। मंत्री आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता. डॉ रामेश्वर उरांव और बादल पत्रलेख रांची लौट आए। कैबिनेट की मीटिंग के बाद सभी रायपुर वापस लौट जाएंगे। बताया जा रहा है कि कैबिनेट की मीटिंग के बाद सीएम हमेंत सोरेन भी रायपुर जा सकते हैं। एयरपोर्ट पर मंत्री आलमगीर आलम ने पत्रकारों से कहा कि कैबिनेट मीटिंग के कारण सभी मंत्री रांची वापस आए हैं। वहीं मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग के बाद सभी मंत्री रायपुर वापस लौट जाएंगे। 

महागठबंध के दो और विधायक रायपुर पहुंचे
झारखंड की राजनीति दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है। महागठबंधन के  विधायक रायपुर में हैं तो मुख्यमंत्री और सभी मंत्री रांची में है। महागठबंधन के दो और विधायक कांग्रेस के विधायक रामचंद्र सिंह और प्रदीप यादव रायपुर पहुंचे। रामचंद्र सिंह सड़क मार्ग से रायपुर गए जबकि विदायक प्रदीप यादव हवाई मार्ग से मंत्री सत्यानंद भोक्ता के साथ रायुपुर गए। रायपुर के मेफेयर रिसार्ट में सभी विधायकों को नजरबंद किया गया है। मालूम हो कि महागठबंधन के अन्य विधायकों से विशेष विमान से रांची से रायपुर ले जाया गया था। सीएम भी ‌विधायकों को छोड़ने रांची एयरपोर्ट पहुंचे थे। 

विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है सरकार
झारखंड में पिछले कुछ दिनों से सियासी संकट गहराया हुआ है। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राज्यपाल का फैसला अब तक नहीं आया है। इसी बीच सीएम अपने विधायकों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। सभी राज्यपाल के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। इन सब स्थिति से निपटने के लिए सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है। विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए आज कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। विशेष विधानसभा सत्र में सरकार विश्वास मत पेश करेगी। राजभवन पर भी दबाव बनाया जा सकता है कि ताकि राज्यपाल ऑफिस ऑफिस प्रॉफिट मामले में अपना फैसला सुनाए। 

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