झारखंड में हुआ कुर्मी समाज का आंदोलन रेलवे को एक हजार करोड़ का नुकसान पहुंचा गया। झारखंड सहित अन्य राज्यों में चल रहा प्रदर्शन 120 घंटे बाद मंत्री के मुलाकात के बाद हुआ समाप्त। रेलवे ट्रेक व हाईवे से हटे प्रदर्शनकारी।
रांची (झारखंड). झारखंड, बांगा, उड़िसा और असम में कुड़मी समाज द्वारा चल रहा आंदालन 120 घंटे के बाद समाप्त हो गया। प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रेक और हाइवे से हटने लगे। कुड़मी को एसटी में शामिल करने और सरना धर्म कोर्ड पारित करने की मांग को लेकर पांच दिनों से आंदोलन जारी था। खड़गपुर पास खेमाशुली और आद्रा डिवीजन के कौस्तुर में रेलवे ट्रैक का जाम खुल गया। इसके बाद ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया गया है। 5 दिनों में लगभग 1 हजार करोड़ का रेलवे को नुकसान हो चुका है। इस दौरान 255 ट्रेनों को रद्द किया गया था। जाम हटने के बाद पहला ट्रेन कौस्तुर से खड़गपुर के लिए चली। टाटानगर से भी होकर ट्रेनों का परिचालन सोमवार के दिन से शुरू हुए। पूर्व में रद्द की गई ट्रेन सोमवार से पूर्ववत समय पर चलेंगी।
डीएम सहित अन्य अधिकारियों से लंबी बातचीत के बाद फैसला
जानकारी के अनुसार, आंदोलन को समाप्त करने के लिए डीएम, एसडीओ समेत अन्य पदाधिकारियों और आंदोलनकारी नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। विगत देर रात इसके बाद आंदोलनकारियों ने जाम वापस लेने की घोषणा की। इसके बाद रविवार को रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारियों द्वारा लगाए गए अवरोध हटा लिए गए हैं। हाईवे से भी टेंट आदि हटा लिया गया है।
महाजाम से हाईवे 49 को मिला छुटकारा
आंदोलन वापस लेने की घोषणा के बाद आंदोलन स्थल पर जमे पुरुष और महिलाएं भी वापस जाने लगे हैं। आजसू नेता फनी भूषण महतो ने बताया कि पदाधिकारियों के बातचीत के बाद देर रात को ही आंदोलन को वापस ले लिया गया है। आगामी बुधवार को राज्य सरकार के साथ आवश्यक वार्ता होगी। हाईवे 49 पर वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है। संभावना जताई जा रही है कि ट्रेन का परिचालन भी शीघ्र ही शुरू हो जाएगा।
रेल परिचालन हो गया था ठप्प, त्यैहारों में व्यापरियों की बढ़ गई थी चिंता
इस आंदोलन के कारण रेल का परिचालन पूरी तरह ठप हो गया था। जो ट्रेनें जहां थीं, वहीं खड़ी थीं। एनएच 49 पर वाहनों के चक्के हिल नहीं रहे थे। वाहनों पर लदे प्याज समेत अन्य सामग्रियां सड़ने लगी थीं। ट्रेनों में लदीं सामग्रियां भी सड़ने लगी थी। इस आंदोलन से रेलवे को भारी नुकसान हुआ। दुर्गा पूजा के मौसम में इस जाम के कारण हर तबका परेशान था। बाजार की स्थिति बिगड़ने लगी थी।
शांतिपूर्ण रहा पूरा आंदोलन
कुर्मी समाज द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन भले ही 5 दिनों तक चला। अच्छी बात यह है कि यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। कहीं से कोई हिंसक खबरें सामने नहीं आई। आंदोलन समाप्त करने की घोषणा के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। आंदोलन स्थल पर हजारों की भीड़ जुटी रही. परंतु कभी भी उग्र रूप नहीं लिया। राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ। हाईवे पर पर खड़े वाहनों को भी नुकसान नहीं पहुंचाया गया। आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर रेलवे ट्रैक और हाईवे को जाम कर नाच गान करते रहे।
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