गठबंधन में शामिल कांग्रेस का कहना है कि वे हर स्थिति में झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ है। बता दें कि खनन मामले में सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता पर चुनाव आयोग कभी भी राज्यपाल को अपनी राय भेज सकता है।
रांची. खनन लीज मामले में इलेक्शन कमीशन के संभावित फैसल को लेकर राज्य में सियासी संकट गहराता नजर आ रहा है। ईसी के फैसले से पहले सभी दल तैयारी में जुटे हैं। ईसी के संभावित फैसले से पहले मुख्यमंत्री ने गठबंधन के सभी विधायकों की अहम बैठक बुलाई। इसमें राज्य की राजनीतिक स्थिति अन्य विषयों पर मंथन किया गया। गठबंधन में शामिल कांग्रेस का कहना है कि वे हर स्थिति में झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ है। बता दें कि खनन मामले में सीएम की सदस्यता पर चुनाव आयोग कभी भी राज्यपाल को अपनी राय भेज सकता है। इसी को लेकर राज्य में सियासी बैठकों का दौर जारी है। वहीं, संभावित पॉलिटिकल क्राइसिस से निपटने और अपनी स्ट्रेटेजी बनाने के लिए यूपीए के विधायकों की बैठक भी बुलाई गई थी।
झारखंड की सियासत में अगस्त महीना अहम
राज्य की राजनीति में अगस्त का महीना बहुत अहम है। विपक्ष भी इसको लेकर कई बार हमला बोल चुका है। राज्य सरकार की स्थिरता को लेकर बहुत अहम है। खासकर तब जब इलेक्शन कमीशन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी को लेकर सुनवाई पूरी कर ली है और इससे जुड़ा फैसला कभी भी सुना सकता है। 18 अगस्त को सीएम सोरेन की सदस्यता मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद एक तरफ जहां राज्य सरकार चर्चा पे चर्चा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस भी सतर्क हो गई है।
कांग्रेस ने विधायकों को राज्य में ही रहने का दिया निर्देश
सत्ताधारी पार्टी के साथ सहयोगी कांग्रेस भी राज्य में मौजूदा हालात को देखते हुए अलर्ट किया गया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी विधायकों को संपर्क में बने रहने को कहा गया है। साथ ही उन्हें राजधानी के आसपास ही रहने को भी कहा गया है। विधायकों को नोटिस पर तुरंत हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं।
स्पीकर ने रद्द किया अपना विदेश दौरा
मामले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो को कनाडा में एक कॉमनवेल्थ कार्यक्रम में हिस्सा लेने जान था। लेकिन उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया।
झारखंड विधानसभा की मौजूदा हालात
मौजूदा झारखंड विधानसभा में सत्ता पक्ष के पास 30 झामुमो, 18 कांग्रेस, 1 भाकपा माले, 1 राजद मिलाकर 50 विधायकों का समर्थन है। वहीं 81 इलेक्टेड सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में विपक्ष में 26 बीजेपी , 2 आजसू पार्टी, 2 निर्दलीय और 1 एनसीपी के विधायक हैं।
क्या है मामला
दरअसल, बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री रहते अपने नाम पत्थर खनन लीज लेने के मामले की शिकायत की थी। इस मामले में विधायक के रूप में हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई। इस मामले में राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से सलाह मांगी थी। आयोग ने इस मामले में मुख्यमंत्री को जनप्रतिनिधित्व की धारा 9 ए के तहत नोटिस जारी करते हुए सुनवाई की। फिलहाल इसमें सुनवाई पूरी हो गई है।
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