जेएसएससी ने कहा स्थगित नियुक्ति परीक्षा की तिथि जल्द आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी। जूनियर इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा का आयोजन जिस एजेंसी के माध्यम हुई थी, उसी एजेंसी को स्नातक लेवल नियुक्ति परीक्षा के आयोजन का दायित्व मिला था।
रांची. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो दिन के अंदर ही आयोग द्वारा आयोजित हुई और होने वाली दो परिक्षाओं को रद्द कर दिया गया। एक दिन पहले जेई की परीक्षा रद्द कर दी गई थी, इसके बाद जेएसएससी ने 21 अगस्त को आयोजित होनी वाली संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा स्थगित कर दी है। इस संबंध में जेएसएससी ने गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इससे पहले पेपर लीक के चलते तीन जुलाई आयोजित की गई जूनियर नियुक्ति परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। जेएसएससी ने कहा स्थगित नियुक्ति परीक्षा की तिथि जल्द आयोग की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी।
एजेंसी की गलती के कारण रद्द हुई परीक्षा, दूसरी एजेंसी लेगी परीक्षा
जूनियर इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा का आयोजन जिस एजेंसी के माध्यम हुई थी, उसी एजेंसी को स्नातक लेवल नियुक्ति परीक्षा के आयोजन का दायित्व मिला था। फिर गड़बड़ी न हो इसलिए परीक्षा स्थगित कर दी गई है। बताते चलें कि सहायक प्रशाखा पदाधिकारी, वरीय सचिवालय सहायक, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और प्लानिंग असिस्टेंट के 956 पदों पर नियुक्ति के 21 अगस्त को परीक्षा आयोजित होने वाली थी। लेकिन परीक्षा से 23 दिन पहले ही आयोग ने स्थगित कर दी। जेएसएससी वर्तमान एजेंसी के माध्यम से स्नातक लेवल नियुक्ति परीक्षा का आयोजन नहीं कराया जाएगा। नई एजेंसी को इस परीक्षा का दायित्व दिया जाएगा। इसलिए परीक्षा के आयोजन में एक से डेढ़ माह विलंब हो सकता है।
5 माह पहले एक साथ 6 परीक्षाएं हुई थी स्थगित
जेएसएससी द्वारा पांच माह पहले भी एक साथ पांच परीक्षाएं स्थगित की गई थी। इसमें काराओं में वाहन चालक की भर्ती के लिए प्रतियोगिता परीक्षा 2018, झारखंड उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा 2018, विशेष शाखा आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा 2018, झारखंड ए एन एम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (नियमित रिक्ति), झारखंड एएनएम प्रतियोगिता परीक्षा 2019 (बैकलॉक रिक्त) और झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2019 शामिल हैं।
एक चरण में होनी थी नियुक्ति परीक्षा
स्नातक लेवल नियुक्ति परीक्षा एक चरण में आयोजित की जानी थी। इसके सभी प्रश्न वस्तुनिष्ठ और बहु विकल्पीय पूछे जाने थे। एक प्रश्न के लिए तीन अंक का प्रावधान था। वहीं एक गलत जवाब के लिए एक अंक काटे जाने का नियम है। कुल तीन पेपर की परीक्षा होनी थी।
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