
रांची. झारखंड राज्य में नक्सल समस्या बहुत ही व्यापक और चिंता का विषय बना हुआ है। आए दिन नक्सली घटना में पुलिसकर्मियों को जान से हाथ गवानी पड़ रही है। हालांकि नक्सलियों के खिलाफ सरकार भी अभियान चला रही है। इसके तहत कई नक्सलियों ने बीते दिनों सरेंडर भी किया है। अब झारखंड सरकार को अपने जवानों की चिंता भी सता रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने पुलिस कर्मियों का 55 लाख का बीमा कराने का फैसला लिया है। इस फैसले से राज्य के लगभग 85 हजार पुलिस कर्मियों को फायदा होगा। उनके लिए यह बड़ी और अच्छी खबर है। झारखंड सरकार ने नक्सल ऑपरेशन में लगे पुलिस कर्मियों का बीमा कराने का फैसला लिया है. इसके तहत राज्य के करीब 85191 पुलिस कर्मियों को बीमा कवर में लाया जाएगा। सरकार का कहना है कि एंटी नक्सल ऑपरेशनों में न सिर्फ झारखंड बल्कि दूसरे राज्यों में भी यहां के पुलिस कर्मी कांबेट ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे हैं। इसलिए उन्हें बीमा कवरेज में लाया जा रहा है।
शहीद होने पर मिलेंगे अधिकतम 55 लाख रुपए
नक्सली अभियान के दौरान शहीद हो जाने पर राज्य के पुलिस कर्मियों और जवानों को अधीकतम 55 लाख रुपए का बीमा कवरेज दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार, नक्सल ऑपरेशन में शहीद होने, स्थायी रूप से अपंगता होने पर बीमित राशि का शत प्रतिशत भुगतान किया जायेगा। एक लिंब अथवा एक आंख की रौशनी जाने पर बीमित राशि का 50 फीसदी दिया जायेगा। परमानेंट पार्शियल डिस्एबिलिटी पर भी भुगतान देने का फैसला किया गया है। नक्सली घटनाओं में गंभीर रूप से घायल होने पर सरकारी अथवा निजी अस्पतालों में कैशलेस व्यवस्था के तहत 20 लाख रुपये का भुगतान किया जायेगा। इसके अलावा बच्चों की शिक्षा के लिए पांच लाख रुपये का कंपेंसेसन भी दिया जायेगा। पुलिस कर्मियों की मृत्यु होने पर दो बच्चों की पढ़ाई का अगले पांच साल तक सरकार खर्च वहन करेगी।
सड़क दुर्घटना में भी मिलेगा मेडिकल एक्सपेंसेस
बीमा कवरेज में सड़क दुर्घटना होने पर 7.50 लाख रुपये मेडिकल एक्सपेंसेस के लिए दिया जायेगा। नक्सल गतिविधियों में मारे जाने पर 20 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इसी तरह सांपों के काटने से अथवा नक्सल गतिविधियों में शामिल होने के दौरान भागा-दौड़ी करने पर भी इतनी ही राशि का प्रावधान किया गया है।
झारखंड की सरकार, खनन-उद्योग, आदिवासी क्षेत्रों की खबरें, रोजगार-विकास परियोजनाएं और सुरक्षा अपडेट्स पढ़ें। रांची, जमशेदपुर, धनबाद और ग्रामीण इलाकों की ताज़ा जानकारी के लिए Jharkhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय स्थानीय रिपोर्टिंग सिर्फ Asianet News Hindi पर।