झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र पांच सितंबर को, विश्ववास मत पारित कर सकती है सरकार 

झारखंड में हुई सीएम हेमंत सोरेन सरकार की कैबिनेट मीटिंग में 25 प्रस्तावों को पारित किया गया। जिसमें महत्वपूर्ण ओल्ड पेंशन स्कीम रही। सरकार ने इसे आज यानि 1 सितंबर से ही लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही सियासी उठा पटक के चलते 5 अगस्त को बुलाया जाएगा विधानसभा का विशेष सत्र।

रांची (झारखंड): झारखंड में राजनीतिक उठा-पटक के बीच गुरुवार को सीएम हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी। शाम से शुरु हुई कैबिनेट की बैठक समाप्त हो गई है। इसमें 25 प्रस्ताव पारित किया गया। कैबिनेट की बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम झारखंड में लागू कर दी गई। एक सितंबर यानी आज से ही यह योजना लागू होगी। इसके अलावा सरकार ने 5 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। सरकार की ओर से बताया गया है कि एक दिन का मानसून सत्र छूट गया था। जिसे पांच सितंबर को किया जाएगा। इधर, माना जा रहा है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन खुद से विधानसभा में विश्वास मत पारित कर सकते हैं। कैबिनेट की मीटिंग में सीएम के अलावा मंत्री आलमगीर आलम, चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता समेत कई विभाग के मंत्री शामिल थे।

रायपुर वापस लौट सकते है मंत्री
कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद महागठबंधन के सभी मंत्री रायपुर वापस लौट सकते हैं। सीएम हेमंत सोरन भी सभी मंत्रियों के साथ रायपुर जा सकते हैं। हालांकि इसकी पुष्टी अभी नहीं की गई है। कांग्रेस के चार मंत्रियों को रायपुर से रांची कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। सभी 31 अगस्त की देर शाम रायपुर से रांची आए थे। अब बताया जा रहा है कि सीएम हेमंत सोरेन के अलावा झामुमो के सभी मंत्री भी रायपुर जा सकते हैं। महागठबंधन के लगभग सभी विधायक फिल्हाल रायपुर के मेफेयर रिसॉर्ट में नजरबंद है। कांग्रेस के चार मंत्री भी रायपुर गए थे। लेकिन कैबिनेट की बैठक के लिए उन्हें रांची वापस बुला लिया गया था। जबिक झामुमो के कई मंत्री और सीएम रायपुर नहीं गए थे।  

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अरिवंद केजरीवाल ने किया था विश्वास मत पारित
विधायकों की खरीद फरोख्त की खबर आते ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों विशेष सत्र बुलाया और विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। इस दौरान विपक्ष में बैठी भाजपा के विधायकों को विधानसभा से मार्शलों की मदद से बाहर कर दिया गया है। विशेष सत्र में केजरीवाल ने कहा था कि विश्वास मत इसलिए लेकर आए हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी का एक एक विधायक कट्टर ईमानदार है। इनका ऑपेरशन लोटस महाराष्ट्र, कर्नाटक, एमपी में पास हो गया, लेकिन दिल्ली में फेल हो गया।

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