झारखंड में लंपी वायरस का कहर शुरू,1 बछड़े की मौत, गाय भी गंभीर बीमार, पशुपालकों में फैली दहशत

झारखंड में लंपी  वायरस ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश की एक गौशाला से इस बीमारी के कारण एक बछड़े के मरने के साथ एक अन्य गाय के गंभीर बीमार होने की खबर आ रही है। वहां के पशुपालकों ने सरकार से टीके की मांग की है। इन तरीकों से बचाए अन्य मवेशियों को।

रांची: झारखंड में लंपी वायरस का आगमन हो चुका है। अब तक यह वायरस राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में कहर बरपा रहा था। कई मवेशियों की इस बीमारी से मौत भी हुई। लेकिन अब झारखंड की राजधानी रांची में एक बछड़े की मौत हुई है। उसमें लंपी वायरस के लक्षण पाए गए। रांची के चान्हो प्रखंड के पतरातु गांव में एक किसान के बछड़े में लंपी वायरस जैसा लक्षण दिखने के बाद उसकी मौत हो गई। इससे पशुपालकों में दहशत का माहौल है।  पतरातू गांव के किसान भानू महतो की डेयरी में कई गाय हैं। यहां कुछ दिन पहले उनकी डेयरी में एक बछड़े व गाय में लंपी वायरस जैसे लक्षण दिखाई दिए। जिसके बाद बछड़े की मौत हो गई। वहीं, दीसरी गाय काफी बीमार व कमजोर हो गई है।

पशु चिकित्सकों की टीम पहुंची पतरातू
लंपी वायरस से एक बछड़े की मौत व एक गाय के बीमार होने की जानकारी मिलते ही जिला व प्रखंड से पशु चिकित्सकों की टीम पतरातू गांव पहुंची।  बीमार गाय को अलग रखकर उसका उपचार किया जा रहा है। उधर, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी लोलेन कंडुलना ने बताया कि लंपी एक स्किन डिजीज वायरस है जो हवा में तेजी से फैलती है। इसमें जानवरों को पूरे शरीर में फोड़ा निकल आता है और पैर में सूजन हो जाती है। उसके बाद मवेशी खाना-पीना छोड़ देता है और उसके मुंह में भी जख्म हो जाता है। इससे मवेशी को सांस लेने में तकलीफ होती है और उसकी मौत हो जाती है। इस रोग से संक्रमित जानवर को अन्य जानवरों के संपर्क से दूर रखकर इलाज कराएं जाने का निर्देश दिया गया है। 

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सरकार से शीघ्र टीका उपलब्ध कराने की मांग
लंपी वायरस से बछड़े की मौत के घटना के बाद पशुपालकों में डर का माहोल फैला हुआ है। पशुपालकों का कहना है कि, उन्हें डर है कि उनकी डेयरी के अन्य मवेशी भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में तो नहीं आ गए हैं। इसलिए उन्होंने सरकार से इस बीमारी से बचाव के लिए शीघ्र टीका उपलब्ध कराने की मांग की है। वहीं भानू ने बताया कि जिस गाय में लंपी वायरस के लक्षण पाए गए हैं। उसका इलाज चिकत्सको द्वारा की जा रही है। साथ ही गाय को अन्य पशुओं से अलग कर दिया गया है। ताकि यह बीमारी ओर पशुओं में ना फैले। 

कैसे करें अपने पशुओं का बचाव 
लंपी वायरस के प्रभाव में आने वाले पशुओं को दूसरे पशुओं से अलग रखें, क्योंकि यह वायरस केवल स्पर्श मात्र से ही एक-दूसरे में फैल जाता है। मक्खी, मच्छर, जूं आदि से पशुओं को दूर रखें। पशु की मृत्यु होने पर शव को खुले स्थान में न छोड़ें, पूरे क्षेत्र में कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें।

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