झारखंड के नारकोपी थाना क्षेत्र में रविवार की देर रात जमकर बवाल हुआ। नाबालिग के साथ रेप के आरोपी की पुलिस कस्टडी में इलाज के दौरान जान जाने के बाद। गुस्साएं परिजनों ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया। इसके साथ ही थाना का मेन गेट तोड़ा डाला। पीड़ित परिवार वाले मुआवजे की मांग कर रहे है।
रांची: रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र के एक घर में घुस आदिवासी नाबालिग किशोरी से दुष्कर्म करने के आरोपी सहरुद्धीन अंसारी की मौत के बाद परिजनो ने रविवार की देर रात जमकर बवाल काटा। नरकोपी थाना के बाहर जमकर हंगामा किया। थाना का मेन गेट भी तोड़ दिया गया। करीब पांच घंटे तक परिजनों का हंगामा जारी रहा। परिजन परिवार के भरण-पोषण के लि 25 लाख रुपए की मुआवजा और सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे। साथ ही नरकोपी थानेदार विजय मंडल समेत थाना के अन्य पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग भी की गई। परिजनों का आरोप था कि बीमारी से नहीं बल्कि पुलिस की पिटाई से सहरुद्धीन अंसारी की मौत हुई है। देर रात बेड़ों के उप प्रमुख मोद्दसिर हक समेत अन्य लोगों की पहल पर मामला शांत हुआ। शनिवार को आरोपी की रिम्स में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद रविवार की देर रात आरोपी का शव घर आया तो परिजन थाना के बार जुटे और हंगामा किया।
30 अगस्त को गया था जेल
आरोपी ने 28 अगस्त को गांव की ही एक नाबालिग से घर में घुस दुष्कर्म किया था। नाबालिग घर में अकेली थी। जिसका फायदा उठा आरोपी घर में घुसा और शर्मनाक घटना को अंजाम दिया। नाबालिग के माता-पिता समेत अन्य खेत में काम करने गए थे। स्थानीय लोगों ने आरोपी की पिटाई भी की थी। जिसके के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। 30 अगस्त को सहरुद्धीन अंसारी को पुलिस ने जेल भेज दिया था।
मेडिकल बोर्ड की निगरानी में हुआ पोस्टमार्टम
शनिवार को आरोपी की रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। रविवार को मेडिकल बोर्ड की निगरानी में शव का पोस्टमार्टम हुआ। इधर, इस मामले में जेल प्रशासन का कहना है कि आरोपी ने बीमार होने की बात बताई थी। फिर जेल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। 8 सितंबर को उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे रिम्स रेफर किया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अफवाह फैलाने वाले नेताओं पर भी कार्रवाई की मांग
मृतक के परिजनों ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले नेताओं पर भी कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में परिजनों ने थाना को एक आवेदन सौंपा है। आवेदन के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर समेत अन्य ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैला मामले को संप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया। साथ ही नरकोपी थानेदार विजय मंडल पर भी कार्रवाई करने की मांग की गई।
यह भी पढ़े-ऑनलाइन क्लास में स्टूडेंट ने कर दिया अनोखा काम, जमकर हुई हूटिंग और नाचने लगे छात्र