झारखंड में यशवंत सिन्हा का प्रचार खत्म, इनका वेलकम करने वाले हेमंत सोरेन कर चुके हैं द्रोपदी मुर्मू का सपोर्ट

झारखंड में खत्म हुआ राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिंहा का प्रचार। रांची में बोले- चुनाव विचारधारा की लड़ाई, अंतररात्मा की आवाज सुन वोट दें। 18 जुलाई को होने है राष्ट्रपति पद के चुनाव, 24 को देश को मिलेगे नए राष्ट्रपति।

रांची (ranchi).18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए देश की सत्ताधारी पार्टी की प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू और विपक्ष के साक्षा उम्मीदवार यशवंत सिंहा बीते कुछ दिनों से अपने चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। इसी क्रम में विपक्ष के उम्मीदवार शनिवार को रांची पहुंचे। उन्होंने कहा- मैंने पूरा देश का भ्रमण किया है। इस सिलसिले में कार्यक्रम का समापन रांची में कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद का चुनाव विचारधारा की लड़ाई है। देश में प्रजातंत्र समाप्त हो रहा है। संसद के बाहर धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दिया गया है। प्रजातंत्र का मंदिर समाप्त हो रहा है। मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान परिस्थिति बद-से-बदतर है। संसद में कुछ शब्दों को असंसदीय कहना हास्यास्पद है। हमें प्रजातंत्र को हर समय जिंदा रखना पड़ता है। वह प्रजातंत्र कहां गया, जिसे बाबा साहेब आंबेडकर ने बनाया था। 

Latest Videos

यशवंत का आरोप... क्रॉस वोटिंग के जरिए विधायकों को खरीदा जा रहा है
यशवंत सिन्हा ने आरोप लगाया कि क्रॉस वोटिंग के जरिये कांग्रेस के विधायकों को खरीदा जा रहा है। विपक्षी विधायक और सांसद अंतरात्मा की आवाज से मुझे वोट करेंगे। मेरे पूरे देश का भ्रमण किया, देश के लोग आहत हैं, वे डरे हुए मिले। बीजेपी के सांसद, विधायक, केंद्रीय मंत्री सब डरे हुए हैं। सरकार के खिलाफ वही खड़ा हो सकता है जो बेदाग हो जिसमें लड़ने की हिम्मत होगी। बाकी लोगों को यह लोग चबा जाएंगे, दबा देंगे। केंद्र सरकार यदि चाहती तो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को अगर वाकई पावर देना चाहते हैं तो उनको प्रधानमंत्री बनाएं।

रांची में बोले सिन्हा- यह लड़ाई का अंत नहीं शुरूआत है
यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति पद का चुनाव पूरे देश के विधानसभा में और संसद में होना है। मैं रांची से विशेष संदेश पूरे देश में देना चाहता हूं। वर्ष 2022 का राष्ट्रपति पद का चुनाव इस बार व्यापक हो गया है। यह लड़ाई का अंत नहीं शुरुआत है। 

कैसे होता है राष्ट्रपति का चुनाव?
राष्ट्रपति चुनाव अन्य चुनावों के मुकाबले थोड़ा अलग और जटिल है। देश में राष्ट्रपति के चुनाव में जनता की भागीदारी नहीं होती। सांसद और विधायक राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं। विधानसभाओं के सदस्य भी इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेते। दोनों सदनों के सदस्यों और राज्यों के विधानसभा में चुने गए सदस्य वोट देते हैं। इसी कारण इसे इनडायरेक्ट इलेक्शन भी कहा जाता है। प्रत्येक वोट की एक कीमत होती है। हर संसद के सदस्य के वोट की कीमत 700 होती है। ये कीमत राज्य की जनसंख्या के अनुसार तय होता है। नॉमिनेशन होने के बाद इलेक्शन प्रोसेस में शामिल होने वाले एमपी और एमएलए को वोट देने के लिए बैलेट पेपर दिए जाते हैं। चुनाव में वोटर एक ही वोट देता है। बैलेट पेपर पर कोई इलेक्शन प्रतीक नहीं मौजूद होता। राष्ट्रपति के चुनाव में सबसे अधिक वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को विजेता नहीं घोषित किया जाता। बल्कि वही प्रेसिडेंट बनता है जो सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल वेटेज का आधा से ज्यादा हिस्सा प्राप्त कर लेता है।
 

यह भी पढ़े- NDA की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मूर्मू को झामुमों का सपोर्ट, देर शाम जारी किया आदेश

Share this article
click me!

Latest Videos

फर्स्ट टाइम तिरुपति बालाजी के दरबार पहुंचे Arvind Kejriwal, बताया क्या मांगी खास मन्नत
उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk