झारखंड में नक्सलियों के मंसूबे फेल...जवानों को नुकसान पहुंचाने बिछा रखी 40 लैंड माइंस की बरामद

झारखंड में नक्सलवाद एक विकट समस्या बनी हुई है। सरकार के साथ पुलिस प्रशासन इसके सफाए के लिए कई अभियान चलाए जाते है। वहीं नकस्ली भी प्रशासन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहते है। ताजा मामले में पुलिस ने अपराधियों के ऐसे ही मंसूबे फैल किए है।

सरायकेला (झारखंड). राज्य में नक्सलवाद एक गंभीर समस्या है। कुछ दिन पहले ही सरायकेला में पुलिस के साथ हुए मुठभेड़ में एक महिला नक्सली सहित दो लोगों को पुलिस ने मौत के घाट उतार दिया था। झारखंड पुलिस लगातार नक्सलवाद के सफाए को लेकर सर्च अभियान चला रही है। सूचना मिलते ही टीम के गठन के बाद अभियान चलाया जाता है। कई बार पुलिस को बड़ी सफलता भी हाथ लगती है। कई बार नक्सलियों को पुलिस के इरादे की भनक लग जाती है और वे जंगल-पहाड़ों का फायदा उठाकर बच निकलते हैं। झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ नक्सलियों को गढ़ माना जाता है। यहीं पर पुलिस और माओवादी में एक और मुठभेड़ ह़ुई। इसमें पुलिस ने नक्सलियों द्वारा बनाए गए बंकरों को ध्वस्त कर दिया। वहीं पुलिस को बड़ी नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लगाए गए 40 लैंड माइंस भी बरामद किए है। इस तरह पुलिस ने नक्सलियों के मंसूबे को फेल कर दिया। लातेहार एसपी ने इस मुठभेड़ की पुष्टि की है। 

मुठभेड़ के बाद भागे नक्सली, जवानों ने बम को किया डिफ्यूज
मुठभेड़ में पुलिस को मजबूत देखते हुए सभी सामानों को छोड़कर नक्सली जंगल की ओर भाग गए। मुठभेड़ के बाद इलाके में पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस ने नक्सलियों द्वारा बनाए गए बंकरों को नष्ट कर दिया। इस बंकर में 40 के करीब लैंड माइंस, हजार किलो के करीब चावल, नक्सल साहित्य और भारी मात्रा में अन्य सामग्री को जब्त किया गया।
ये सामान हुए बरामद
मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान में पुलिस को सीरीज लैंड माइन्स 30, प्रेशर कूकर लैंड माइंस 01, केन लैंड माइंस 03, सिरिंज लैंड माइंस 05, चावल एक हजार किलो, दाल 50 किलो, आटा 05 किलो, पॉलीथिन बड़ा साईज 10, नक्सल साहित्य, भारी मात्रा दवाईयां बरामद हुई है। 

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बारिश के कारण रोका गया सर्च अभियान फिर से शुरू
बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के खिलाफ एक बार फिर से बड़ा अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान लातेहार की तरफ से शुरू किया गया है। करीब 15 दिनों बाद यह अभियान शुरू हुआ है। बारिश के कारण अभियान को बीच में ही रोक दिया गया था। एक बार फिर से बूढ़ापहाड़ के इलाके में बड़ा अभियान शुरू किया गया। अभियान के लिए पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में हेलीकॉप्टर की तैनाती की गई है। हेलीकॉप्टर के माध्यम से जवानों को कई रसद पहुंचाई जा रही है और पूरे अभियान पर नजर रखी जा रही है। 

जवानों ने जंगलों में बनाया कैंप
अभियान के लिए बुढ़ापहाड़ से सटे हुए इलाके में सुरक्षाबलों ने दर्जनों ट्रैक्टर को रिजर्व में रखा है। ट्रैक्टर के माध्यम से ही जवानों को कई तरह की सामग्री और टेंट पहुंचाई गई है। बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान के लिए 20 से अधिक अस्थाई कैंप भी बनाए गए हैं। इन कैंप तक सामग्री को पंहुचाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लातेहार के गारू, महुआडांड़, बारेसाढ़, छिपादोहर के इलाके में ट्रैक्टर रिजर्व में है। इस अभियान में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी और जिला बल शामिल है। इस अभियान में छत्तीसगढ़ के भी सुरक्षाबल शामिल हैं।

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