झारखंड के आदिवासी इलाके में दूध के दांत निकलने से जुड़ी शर्मनाक परंपरा का मामला सामने आया है। यह रविवार को बच्चों की कुत्तों से शादी कराई गई।
जमशेदपुर, झारखंड. आदिवासियों में कई ऐसी परंपराएं हैं, जो चौंकाती हैं। अपशगुन से बचने अकसर आदिवासी परंपराएं निभाते आ रहे हैं। ऐसी ही एक परंपरा के तहत रविवार को 7 बच्चों की कुत्ते से शादी कराई गई। यह मामला उलिडीह नामक जगह पर आदिवासियों के मागे पर्व के अंतिम दिन रविवार को देखने को मिला।
कहते हैं कि जिन बच्चों के 10वें महीने में सबसे पहले ऊपर के दूध के दांत निकलते हैं, उसे आदिवासी अपशगुन मानते हैं। इसी से बचने यह परंपरा निभाई जाती है। परिजन दो टूक तर्क देते हैं कि ऐसा करने से उनके बच्चे अशुभ घटनाओं से बच जाते हैं। उन्हें कोई मुसीबत नहीं घेरती। यह परंपरा आदिवासियों में बहुत पुरानी है।
बारात भी निकालते हैं...
पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। यह तस्वीर जनवरी, 2019 की है। इसके तहत सराईकेला के गम्हरिया प्रखंड की कांकड़ा पंचायत में एक बच्ची की कुत्ते से शादी कराई गई थी। इससे पहले कुत्ते की बारात भी निकाली गई थी। कहते हैं कि अगर बच्चे दांत निकले तो कुतिया और बच्ची का ऊपर का दांत निकले, तो कुत्ते से शादी कराई जाती है। इस शादी के लिए कोई आदमी ही कुत्ते या कुतिया का बाप बनकर शादी का प्रस्ताव लेकर जाता है। वही कन्यादान भी करता है।