558 साल बाद रक्षाबंधन पर गुरु और शनि अपनी ही राशि में रहेंगे वक्री, कैसा होगा आपकी राशि पर असर?

इस बार 3 अगस्त, सोमवार रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। इसलिए इस दिन सुबह 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 28, 2020 3:32 AM IST

उज्जैन. भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। इसलिए इस दिन सुबह 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। 3 अगस्त को सुबह 7.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगा। इस दिन चंद्र भी शनि के साथ मकर में रहेगा। ऐसा योग 558 साल पहले 1462 में बना था। उस साल में 22 जुलाई को रक्षाबंधन मनाया गया था। इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है। 1462 में भी राहु-केतु की यही स्थिति थी।

सभी 12 राशियों पर ग्रहों का असर
- मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन राशि के लोगों के लिए ग्रहों के योग शुभ रहने वाले हैं।
- इन लोगों को कड़ी मेहनत का फल मिल सकता है। स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। नौकरी में सफलता मिलने के योग हैं।
- कर्क राशि के लिए समय सामान्य रहेगा। मिथुन, सिंह, तुला, कुंभ राशि के लोगों को संभलकर रहना होगा।
- इन लोगों को समय का साथ नहीं मिल पाएगा। कार्य की अधिकता रहेगी।

विधिवत पूजा के बाद बांधना चाहिए रक्षासूत्र
- रक्षाबंधन पर सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। स्नान के बाद देवी-देवताओं की पूजा करें। पितरों के लिए धूप-ध्यान करें।
- इन शुभ कामों के बाद पीले रेशमी वस्त्र में सरसों, केसर, चंदन, चावल, दूर्वा और अपने सामर्थ्य के अनुसार सोना या चांदी रख लें और धागा बांधकर रक्षासूत्र बना लें।
- इसके बाद घर के मंदिर में एक कलश की स्थापना करें। उस पर रक्षासूत्र को रखें, विधिवत पूजन करें।
- पूजा में हार-फूल चढ़ाएं। वस्त्र अर्पित करें, भोग लगाएं, दीपक जलाकर आरती करें। पूजन के बाद ये रक्षासूत्र को दाहिने हाथ की कलाई पर बंधवा लेना चाहिए।

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