akshaya tritiya pooja vidhi: अक्षय तृतीया पर इस विधि से करें देवी लक्ष्मी की पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त व शुभ योगों का विशेष महत्व है। भारतीय कालगणना के अनुसार साल में 4 स्वयंसिद्ध मुहूर्त आते हैं। इनमें से अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2022) भी एक है। इस बार ये पर्व 3 मई, मंगलवार को है। इस तिथि से कई विशेष बातें जुड़ी हैं।
 

Manish Meharele | Published : May 1, 2022 11:10 AM IST / Updated: May 03 2022, 08:49 AM IST

उज्जैन. मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया से ही त्रेतायुग का आरंभ हुआ था। भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से अन्न का दान मांगा था। कुबेरदेव ने देवी लक्ष्मी से धन की याचना की थी। और भी कई कारणों से ये तिथि बहुत शउभ मानी गई है। इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ यदि भगवान विष्णु की पूजा भी की जाए तो हर तरह का संकट दूर हो सकता है और धन लाभ के योग भी बनते हैं। इस बार अक्षय तृतीया पर पंच महायोग भी बन रहे हैं, जिसके चलते ये तिथि और भी शुभ हो गई है। आगे जानिए इस दिन कैसे करें भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा व अन्य खास बातें…

इस विधि से करें पूजा (Akshaya Tritiya 2022 Puja Vidhi)
- अक्षय तृतीया की सुबह स्नान आदि करने बाद एक साफ स्थान पर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में गाय के दूध लेकर उससे विष्णु-लक्ष्मी प्रतिमा का अभिषेक करें। संभव हो तो दूध में थोड़ी केसर भी मिला लें। 
- अभिषेक करते समय देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप भी करते रहें। दूध से अभिषेक करने के बाद साफ पानी से दोनों प्रतिमाओं को स्नान करवाएं। इसके बाद कुंकुम, अबीर, गुलाल, चावल आदि चीजें चढ़ाएं। गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- हार, फूल अर्पित करें, मौसमी फल चढ़ाएं। इसके बाद खीर का भोग भी लगाएं। इस प्रकार पूजा करने के बाद उसी स्थान पर बैठकर देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। कम से कम 11 माला जाप अवश्य करें। सबसे अंत में आरती करें और प्रसाद भक्तों में बांट दें।
- इस प्रकार अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से किसी भी व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। ये तिथि बहुत ही शुभ है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन की गई पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।

ये हैं शुभ मुहूर्त और शुभ योग (Akshaya Tritiya 2022 Shubh Muhurat)
तृतीया तिथि 3 मई, मंगलवार की सुबह 05:19 से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 4 मई, बुधवार की सुबह 07:33 तक रहेगी। पर्वकाल यानी स्नान,दान आदि कार्य 3 मई, मंगलवार को करना ही श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन केदार, शुभ कर्तरी, उभयचरी, विमल और सुमुख नाम के पांच राजयोग भी बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन शोभन और मातंग नाम के दो अन्य शुभ योग भी रहेंगे।

ये हैं खरीदी के शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2022 Ke Shubh Muhurat)
सुबह 8:50 से दोपहर 01:50 तक
दोपहर 03:40 से शाम 05:20 तक
रात 08:20 से 09:35 तक


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